उन्होंने सूबे में राष्ट्रपति शासन की मांग की है. श्री सिंहल का कहना है कि बंगाल के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े घोटाले, चिटफंड घोटाले से पूरा देश-दुनिया वाकिफ है. घोटाले में सत्ताधारी दल के सांसद-नेता-मंत्री संलिप्त रहे हैं, यह भी किसी से नहीं छुपा है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच सीबीआइ कर रही है. जांच के क्रम में जब सीबीआइ तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार कर रही है, तो ममता सरकार बौखला उठी है.
श्री सिंहल का कहना है कि अगर ममता को ऐसा लगता है कि चिटफंड घोटालों में उनकी पार्टी पाक-साफ है, तो सीबीआइ की जांच में अड़चन डालने के बजाय सहयोग करें. सीबीआइ जांच से शासक दल आखिर क्यों डर रहा है और भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला क्यों कराया जा रहा है? श्री सिंहल की अगुवाई में एक प्रतिनिधि दल ने सिलीगुड़ी सदर महकमा के एसडीओ हरि शंकर पणिक्कर को ज्ञापन सौंपा. श्री सिंहल ने ज्ञापन में सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने और पूरे राज्य में भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं व पार्टी कार्यालयों की सुरक्षा की मांग की है. भाजपा के प्रदर्शन में वरिष्ठ पार्टी नेता सुशील मित्तल, सविता अग्रवाल, जिला महासचिव अभिजीत राय चौधरी, सचिव कन्हैया पाठक, भाजपा युवा मोरचा के जिला अध्यक्ष राज भट्टाचार्य समेत नेता-कार्यकर्ता व समर्थक शामिल हुए.