जनवरी के अंत तक ममता बनर्जी द्वारा टाइगर सफारी का उद्घाटन किये जाने की संभावना है. सिलीगुड़ी के वातावरण और बंगाल सफारी के जंगलों से परिचित होने के लिये स्नेहाशीष और शीला को उनके लिए बनाये गये विश्रामालय में रखा गया है. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की रात इन दोनों रॉयल बंगाल टाइगरों को बंगाल सफारी पार्क लाया गया. जनवरी के बाद पर्यटक इनको देख पायेगें. एक महीने तक सिलीगुड़ी के निकट सालूगाड़ा स्थित बंगाल सफारी पार्क के वातावरण और जंगल से परिचित होने के लिए इन्हें एक विशेष शेल्टर में रखा गया है. जनवरी के अंत तक पर्यटकों के लिये इन्हें सफारी पार्क में मुक्त छोड़ दिया जायेगा. सूत्रों का मानना है कि प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी उत्तर बंगाल उत्सव का आयोजन राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है. जनवरी के अंतिम सप्ताह में इस उत्सव का आगाज किये जाने की संभावना है.
यहां बता दें कि स्नेहाशीष और शीला का जन्म भुवनेश्वर के नन्दकानन चिड़ियाघर में हुआ था. फलस्वरूप ये दोनों उड़िया भाषा के अभ्यासी हैं. बंगाल सफारी पार्क में रहने के लिए इन्हें यहां की भाषा से अवगत कराना होगा. इसके लिये बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन ने एक द्विभाषी प्रशिक्षक को इन्हें प्रशिक्षित करने के लिये नियुक्त किया है.
बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, एक करोड़ रुपया खर्च कर नन्दन कानन चिड़ियाघर से स्नेहाशीष और शीला को लाया गया है. नंदन कानन से लाकर इन दोनों को पहले कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाखाने में रखा गया था. इन दोनों की स्वास्थ जांच तथा राज्य के वातावरण से अवगत कराने के बाद बीते शुक्रवार को बंगाल सफारी पार्क में लाया गया है. करीब एक महीने तक इन्हें यहां के वातावरण और जंगल से परिचय के लिए रखा गया है. इस दौरान इनकी स्वास्थ जांच भी करायी जायेगी. प्रबंधन के अनुसार स्नेहाशीष और शीला एक दिन में करीब आठ किलो गोमांस खाते हैं.
बंगाल सफारी पार्क के निदेशक अरुण मुखर्जी ने बताया कि टाइगर सफारी की शुरुआत करने के लिये स्नेहाशीष और शीला नामक दो रॉयल बंगाल टाइगर को लाया गया है. यहां के वातावरण से अवगत व जंगल से मेल-जोल बढ़ाने के बाद इसे पर्यटकों के लिये जंगल में छोड़ दिया जायेगा. जनवरी के अंत तक इन दो टाइगरों के साथ बंगाल सफारी पार्क में टाइगर सफारी का उद्घाटन कर दिया जायेगा. आगामी दिनों में और भी चार बाघ को लाने की तैयारी चल रही है.