सिलीगुड़ी. उत्तर 24 परगना जिले के गायघाटा थाना इलाके से अपह्रत एक विवाहिता को पुलिस ने सिलीगुड़ी से बरामद कर लिया है. गायघाटा थाना की पुलिस ने प्रधाननगर थाना की पुलिस के सहयोग से विवाहिता को एक शादी शुदा प्रेमी के साथ धर दबोचा.
पुलिस ने दोनों को बीती रात दो छोटे बच्चों के साथ बाघाजतीक कॉलोनी इलाके के मुक्ति मंच के पास से एक मकान से गिरफ्तार किया. छापामारी के दौरान शिकायतकर्ता व विवाहिता का पति भी पुलिस के साथ मौजूद था. बुधवार की रात को पुलिस द्वारा अचानक छापा मारने की खबर फैलने से इलाके में खलबली मच गयी.
खबर फैलते ही मौके पर इलाकेवासियों की भारी भीड़ इकट्ठी हो गयी. गायघाटा थाना की पुलिस गुरूवार को सिलीगुड़ी कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड में लेकर अपने साथ ले गयी. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी गायघाटा के ही रहनेवाले हैं. अपह्रत विवाहिता सुमना विश्वास के पति संजय विश्वास ने पत्नी के प्रेमी विश्वजीत दास के विरूद्ध दो महीने पहले अपहरण करने का मामला गायघाटा थाना में दायर कराया था. विश्वजीत दास पेशे से कार ड्राइवर है और वह भी पहले से शादी शुदा है. दो साल पहले उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है. विश्वजीत को अपनी पहली पत्नी से एक लड़का भी है जिसे वह अपने साथ ही रखा था. वहीं सुमना को भी अपने पति संजय से भी एक छोटा लड़का है. विश्वजीत और सुमना अपने दोनों बच्चों को साथ लेकर ही दो महीने से फरार थे. महीने भर पहले विश्वजीत और सुमना दोनों बच्चों को साथ लेकर प्रधाननगर इलाके के बाघाजतीन कॉलोनी के मुक्ति मंच मैदान के पास दो नंबर रोड स्थित शूरण चंद्र दास के किराये के मकान में आकर छीप गये.
शूरण की पत्नी गीताली दास ने पुलिस को बताया कि दोनों ने पति-पत्नी और दोनों अपने बच्चे होने की बात बोलकर महीने भर पहले कमरा किराये पर लिया था. विश्वजीत यहां सेवक रोड में किसी प्राइवेट फर्म में कार ड्राइवर की नौकरी भी करने लगा. गीताली का कहना है कि दोनों से इस बीच कई बार पहचान पत्र भी देने को कहा लेकिन दोनों ने नहीं दिया. इस बाबत सिलीगुड़ी के भाजपा नेता व दो नंबर वार्ड कमेटी के अध्यक्ष विप्लव चौधरी ने बताया कि दो दिन पहले गायकाटा इलाके से रामकृष्ण नामक एक व्यक्ति ने फोन पर संपर्क कर पूरी घटना की जानकारी दी. दोनों के प्रधाननगर इलाके में छुपे होने की बात बतायी. फोन पर दोनों का फोटो मंगवाया. फोटो देखकर ही श्री चौधरी युवक-युवती दोनों को पहचान गये. दोनों श्री चौधरी के पड़ोस के मकान में रह रहे थे. श्री चौधरी के सहयोग से ही पुलिस छापा मारकर आरोपियों को अपने गिरफ्त में लेने में सफल हुई.