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छठ महापर्व को लेकर घाटों की सफाई कार्य शुरू

कोलकाता/हावड़ा. दीपावली के बाद अब आस्था के महापर्व छठ की तैयारी जोरों पर है. इसको लेकर लगभग सबी घाटों की साफ-सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. साथ ही खतरनाक घाटों की पहचान कर वहां बेरीकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है ताकि छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो. टीटागढ़ नगरपालिका अंतर्गत […]

कोलकाता/हावड़ा. दीपावली के बाद अब आस्था के महापर्व छठ की तैयारी जोरों पर है. इसको लेकर लगभग सबी घाटों की साफ-सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. साथ ही खतरनाक घाटों की पहचान कर वहां बेरीकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है ताकि छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो. टीटागढ़ नगरपालिका अंतर्गत ग्लासकल घाट, पीर घाट और लक्खी घाट आते हैं. नगरपालिका द्वारा इन घाटों की सफाई का काम कई दिनों पहले से ही शुरू कर दिया गया है. साथ ही संवेदनशील स्थानों पर बेरीकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है.

टीटागढ़ नगरपालिका के 10 नंबर वार्ड के पार्षद विनय लाल ने बताया गया कि छठ पूजा के दौरान घाट पर आनेवाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए नगरपालिका की ओर से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्लासकल घाट पर पहले की तुलना में कम जगह होने के कारण मिल के अंदर के घाटों पर भी अर्घ्य देने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि छठ के दौरान घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. गंगा के अंदर बांस से बैरिकेटिंग का काम जारी है और अर्घ्य के दौरान तीनों घाटों पर गंगा में छोटी-छोटी नावों पर गोताखोरों की तैनाती की जायेगी. साथ ही वृद्ध महिलाओं को घाट पर पहुंचाने के लिए टोटो की व्यवस्था भी की जायेगी. उन्होंने बताया कि नगरपालिका की ओर से घाटों पर लाइट की उचित व्यवस्था करने व गंगा की ओर जानेवाले विभिन्न रास्तों को ठीक करने करने का कार्य जारी है.

छठ पूजा के लिए उत्तर हावड़ा के अंतर्गत आनेवाले सभी गंगा घाटों की सफाई का कार्य गुरुवार सुबह से शुरू कर दिया जायेगा हालांकि कुछ घाटों की सफाई बुधवार देर रात से ही शुरू करने की योजना थी. उत्तर हावड़ा हिंदीभाषी बहुल इलाका है. आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर हावड़ा में 65-70 फीसदी लोग हिंदी भाषी हैं, जिसमें अधिकतर लोग बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं. यहां के सभी घाटों पर छठ पूजा में प्रत्येक वर्ष श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है. जानकारी के अनुसार, हावड़ा नगर निगम के अंतर्गत कुल 83 घाट हैं. इन घाटों की सफाई के लिए निगम की ओर से कुल 3000 सफाई कर्मियों को नियुक्त किया गया है. उत्तर हावड़ा में सबसे अधिक गंगा घाट वार्ड नंबर एक के अंतर्गत पड़ते हैं. यहां कुल नौ वार्ड हैं. वार्ड 11 में छह व वार्ड 13 में तीन घाट हैं. इन तीन वार्डों के अंतर्गत आनेवाले कुल 18 घाटों में ही प्रत्येक वर्ष अधिक भीड़ देखी जाती है. वार्ड संख्या एक में बांधाघाट, गोसाइघाट और 122 घाट प्रमुख हैं.

वार्ड एक की पार्षद सावित्री साव ने बताया कि बुधवार दोपहर तक सभी घाटों पर विसर्जन कार्य जारी रहा. यही कारण है कि घाटों की सफाई अभी तक नहीं हो पायी है लेकिन बुधवार देर रात जेसीबी मशीन के जरिये सफाई शुरू कर दी जायेगी. शनिवार शाम तक सभी घाटों को पूरी तरह से साफ कर दिया जायेगा. पार्षद सावित्री साव ने बताया कि छठ के दो दिनों के दौरान वार्ड के सभी घाटों पर कुल 60 महिला वॉलेंटियरों की तैनाती रहेगी. इसके अलावा पुरुष वॉलेंटियरों को भी घाट के आसपास तैनात रखा जायेगा. प्रत्येक वर्ष की तरह घाटों पर लाइट की पूरी व्यवस्था की जायेगी.

निगम क्षेत्र में कुल 83 गंगा घाट हैं. मेरे वार्ड में भी पांच घाट हैं. यह सच है कि कुछ घाटों पर बहुत अधिक भीड़ उमड़ती है. निगम की ओर से स्पेशल टीम बनायी गयी है जो छठ के दो दिनों में प्रत्येक घाटों पर निगरानी रखेगी. गंगा में कुछ दूरी तक बैरीकेड बनाया जायेगा, ताकि कोई अप्रिय घटना ना घटे.

वार्ड 29 के अंतर्गत आनेवाले सभी घाटों की सफाई बुधवार सुबह से शुरू हो गयी. खुद पार्षद शैलेश राय की मौजूदगी में साफ सफाई का कार्य जारी है. गौरतलब है कि कुछ दिनों से रेलवे कालोनी में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. श्री राय ने कहा कि यह इलाका निगम क्षेत्र के अधीन नहीं है. यह इलाका रेलवे के जिम्मे हैं. मैंने खुद रेलवे अधिकारियों से बात की है. दो दिनों के अंदर यहां से जलनिकासी की व्यवस्था कर दी जायेगी.

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