दुर्गापूजा के विसर्जन की समय-सीमा को क्यों शाम चार बजे तक तय की गयी. इसका जवाब देते हुए राज्य सरकार ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्देश जारी किया था.
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राज्य सरकार को एकल पीठ से फटकार, डिवीजन बेंच ने दी राहत
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने दुर्गापूजा आयोजकों को मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए निश्चित समय सीमा तय की दी थी, जिसके खिलाफ महानगर के कुछ दुर्गापूजा आयोजकाें ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के न्यायाधीश दीपंकर दत्ता ने राज्य सरकार से पूछा कि […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने दुर्गापूजा आयोजकों को मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के लिए निश्चित समय सीमा तय की दी थी, जिसके खिलाफ महानगर के कुछ दुर्गापूजा आयोजकाें ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के न्यायाधीश दीपंकर दत्ता ने राज्य सरकार से पूछा कि किस नियम व कानून के आधार पर राज्य सरकार ने यह निर्देश जारी किया है.
इस पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार की ओर से आखिर संप्रदाय के हिसाब से नियम क्यों लागू किया गया. इसके बाद हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के निर्देश को खारिज कर दिया और दशमी के दिन 11 तारीख को शाम चार बजे के बाद भी विसर्जन करने की अनुमति दे दी. हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गिरीश गुप्ता के डिवीजन बेंच में याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को राहत प्रदान की और विसर्जन की समय-सीमा को शाम छह बजे तक निर्धारित कर दिया. इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच ने विसर्जन के दिन किसी तरह के जुलूस पर रोक लगा दी है.
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