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कॉलेजों में हिंसा, रक्तपात बरदाश्त नहीं : एबीवीपी

तृणमूल छात्र परिषद पर शैक्षणिक माहौल बिगाड़ने का आरोप, 27 को उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के वीसी का घेराव सिलीगुड़ी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सत्तारूढ़ दल से जुड़े तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद को चेतावनी देते हुए कहा है कि उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय और उसके तहत आनेवाले कॉलेजों को राजनैतिक अखाड़ा बनने नहीं देंगे. यह […]

तृणमूल छात्र परिषद पर शैक्षणिक माहौल बिगाड़ने का आरोप, 27 को उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के वीसी का घेराव
सिलीगुड़ी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सत्तारूढ़ दल से जुड़े तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद को चेतावनी देते हुए कहा है कि उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय और उसके तहत आनेवाले कॉलेजों को राजनैतिक अखाड़ा बनने नहीं देंगे. यह चेतावनी रविवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने एबीवीपी के सिलीगुड़ी विभाग के सह-संयोजक चंदन राउत ने दी है.
उन्होंने तृकां छात्र परिषद व अन्य पार्टियों के छात्र संगठनों पर तंज कसते हुए कहा कि इन सभी छात्र संगठनों ने भारतीय शिक्षा परंपरा को शर्मशार कर दिया है. ओछी राजनीति के लिए जहां गुरुओं का अपमान किया जाता है वहीं, छात्रों को डराया-धमकाया जाता है. श्री राउत का कहना है कि एबीवीपी अब कॉलेजों में हिंसा व रक्तपात बरदाश्त नहीं करेगी. साथ ही शिक्षा के मंदिरों को हिंसा, आतंक और भ्रष्टाचार की राजनीति से मुक्त करने की मुहिम छेड़ेगी.
एबीवीपी की जिला छात्रा प्रमुख सृष्टि गुप्ता ने कहा कि कॉलेजों में शैक्षणिक अराजकता के विरुद्ध एबीवीपी 27 सितंबर को छात्र आंदोलन करेगी. इस दिन उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय और शिक्षा का मंदिर बचाओ अभियान शुरू किया जायेगा. इसके तहत शिवमंदिर स्थित मेडिकल मोड़ से छात्रों की रैली निकाली जायेगी, जो उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय कैंपस में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो जायेगी. साथ ही उपकुलपति (वाइस चांसलर) का घेराव भी किया जायेगा और कई सूत्री मांगों का ज्ञापन भी सौंपा जायेगा. सृष्टि ने बताया कि इस छात्र आंदोलन में केवल सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बंगाल से पांच हजार से भी अधिक विद्यार्थी शिरकत करेंगे.
एबीवीपी की बागडोगरा कॉलेज यूनिट के प्रमुख आलोक देवभूति ने बताया कि उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा व परिणाम समय पर नहीं होने का खमियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है.
इस वजह से उनका दाखिला बाहर के बड़े विश्वविद्यालयों में नहीं हो पाता. साथ ही विश्वविद्यालय एवं इसके तहत आनेवाले अधिकतर कॉलेजों में आधारभूत संरचना का काफी अभाव है. पीने योग्य पानी, शौचालय, लैबोरेट्री, पुस्तकालय आदि की स्थिति चिंताजनक है. एबीवीपी के सिलीगुड़ी कॉलेज यूनिट प्रमुख विवेक शर्मा ने बताया कि हमारी मांग है निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया हेतु सेंट्रलाइज ऑनलाइन एडमिशन सिस्टम की शुरूआत की जाये. रिक्त पदों पर तत्काल शिक्षकों की बहाली की जाये. सभी कॉलेजों में संस्कृत की भी पढ़ाई की व्यवस्था होनी चाहिए.
एबीवीपी समर्थक एक छात्रा ने कहा कि दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में भी सभी विषय के ऑनर्स, कॉमर्स व साइंस की पढ़ाई शुरू करनी चाहिए. देश के अन्य विश्वविद्यालयों व कॉलेजों की तर्ज पर ही उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय व इसके तहत आनेवाले सभी कॉलेजों में लिंगदोह कमीशन के सिफारिशों के आधार पर छात्र संघ चुनाव की व्यवस्था होनी चाहिए. कैंपस में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा हेतु बाहरी तत्वों का प्रवेश बंद होना चाहिए.

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