कार्यालय का मुख्य द्वार बंद होने की वजह से श्रमिक भीतर प्रवेश नहीं कर पाये. इसके बाद श्रमिक व श्रमिक यूनियन के सदस्यों ने बागान कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. इन लोगों ने तत्काल चाय बागान खोलने की मांग की़ तृणमूल समर्थित श्रमिक यूनियन के नेता राजेन लोहार ने बताया कि श्रमिकों ने सहायक प्रबंधक पर बागान बंद करने का दवाब नहीं दिया था. श्रमिकों का काफी बकाया है लेकिन मालिक पक्ष के लोग सिर्फ देने की बात करते हैं, देते कुछ हैं नहीं. कांग्रेस समर्थित श्रमिक यूनियन के नेता मानिक शील ने बताया कि बागान बंद करने के लिये डंकन्स ग्रुप के मालिक रोज नया नाटक कर रहे हैं. बागान बंद करने का फरमान वापस लेने के बाद भी मालिक पक्ष की ओर से बागान क्यों नहीं खोला जा रहा है. वाम समर्थित श्रमिक यूनियन के नेता सुधांशु मंडल ने बताया कि राज्य व केंद्र सरकार द्वारा मालिक पक्ष के साथ कई बैठक करने के बाद भी आज तक एक भी बागान नहीं खुला है़ उन्होंने अतिशीघ्र नागेश्वरी चाय बागान खोलने की मांग की. नागेश्वरी चाय बागान में स्थायी व अस्थायी कुल मिलाकर 2800 श्रमिक हैं.
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नहीं खुला नागेश्वरी चाय बागान
जलपाईगुड़ी. डंकन्स समूह के नागेश्वरी चाय बागान को बंद करने के बाद दोबारा खोलने की घोषणा तो कर दी गयी, लेकिन इस चाय बागान को खोला नहीं गया़ उसके बाद बुधवार की सुबह से ही श्रमिक संगठन की ओर से डंकन ग्रुप के नागेश्वरी चाय बागान में विरोध प्रदर्शन किया गया. यहां उल्लेखनीय है कि […]
जलपाईगुड़ी. डंकन्स समूह के नागेश्वरी चाय बागान को बंद करने के बाद दोबारा खोलने की घोषणा तो कर दी गयी, लेकिन इस चाय बागान को खोला नहीं गया़ उसके बाद बुधवार की सुबह से ही श्रमिक संगठन की ओर से डंकन ग्रुप के नागेश्वरी चाय बागान में विरोध प्रदर्शन किया गया. यहां उल्लेखनीय है कि श्रमिकों द्वारा बकाया भुगतान मांगने पर बागान प्रबंधन ने आनन-फानन में बागान बंदी की घोषणा कर दी़ हालांकि मंगलवार की शाम ही प्रबंधक सीपी कपूर ने बंद संबंधी नोटिस वापस ले लिया. बागान खुलने की खबर मिलते ही बुधवार की सुबह बागान श्रमिक काम करने गये लेकिन कार्यालय में ताला लगा देखकर उनका गुस्सा फूट पड़ा.
मंगलवार की दोपहर श्रमिकों का बकाया वेतन,राशन एवं अन्य सुविधायें देने में असमर्थ बताकर बागान प्रबंधक सीपी कपूर एवं सहायक प्रबंधक प्रलय बसु ने बागान बंद करने का फरमान जारी कर दिया था और बागान छोड़कर चले गये थे. बाद में उसी दिन शाम को ही सीपी कपूर ने महकमा शासक को पत्र भेजकर सूचित किया कि श्रमिकों की गड़बड़ी की आशंका से बागान बंद करने की घोषणा करनी पड़ी़. महकमा शासक को लिखे पत्र में सीपी कपूर ने उल्लेख किया है कि बुधवार से बागान खुल रहा है. बागान खुलने की लिखित जानकारी ना मिलने पर बागान श्रमिकों को फोन के माध्यम से बागान खुलने की जानकारी दी गयी. बागान श्रमिक खुशी से बुधवार की सुबह काम पर गये लेकिन बागान कार्यालय में ताला लगा हुआ ही पाया.
दूसरी ओर बागान प्रबंधक सीपी कपूर ने बताया कि श्रमिकों के दबाव में आकर सहायक प्रबंधक प्रलय बसु ने बागान बंद करने का नोटिस जारी किया था. डर की वजह से प्रबंधन के लोग बागान में प्रवेश नहीं कर रहे हैं .
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