सिलीगुड़ी: नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी पिछले दो साल से स्थायी उपकुलपति के अभाव में विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है. सबसे बड़ी समस्या है नियुक्ति को लेकर. पिछले दो साल में एक भी नियुक्ति नहीं हुई. छात्र हॉस्टल के लिए आवेदन कर रहे है. अनुमति भी मिल गयी. लेकिन उन्हें हॉस्टल नहीं मिला. वह भाड़े के घर में रह रहे है. भूगोल विभाग में रिमोट सेंसिंग का एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स चालू हुआ था,जो उत्तर बंगाल में केवल इसी विश्वविद्यालय में है. लेकिन पिछले एक साल से फेकल्टी के अभाव में बंद है. इस तरह की दर्जनों समस्या से विश्वविद्यालय बीमार है. लेकिन इसका कोई निदान नहीं निकला.
नौ दिसंबर को विश्वविद्यालय में शिक्षा मंत्री व्रात्स बसु पधारेंगे. वीसी सर्च कमेटी की बैठक भी होगी. जो भी हो, अपनी समस्या को लेकर छात्र, शिक्षक और शिक्षेकतर कर्मचारियों ने कमर कस ली है. रविवार को सब आंदोलन भी करेंगे. इसका शुभारंभ आज ही हो गया. नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से रजिस्ट्रार प्रो दिनेश कुमार द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा गया. यूनियन के महासचिव रोनाल्ड डे ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के हास्टल में इंटरनेट व कंप्यूटर की सुविधा नहीं है. इससे पता चलता है कि विश्वविद्यालय कहां जा रहा है.
पंचवर्षीय योजना के तहत करोड़ों रूपये मिलते है लेकिन विकास कार्य में नहीं लगाये जाते. पूर्व रजिस्ट्रार डॉ दिलीप कुमार सरकार को बैठाकर तनख्वा दिया जा रहा है. पैसे का सही उपयोग नहीं किया जा रहा.