बार-बार प्रयास करने के बाद भी बीएसएनएल फोन से कहीं भी फोन लगाना काफी मुश्किल हो रहा है. बीएसएनएल की इस खराब सेवा से आम लोगों से लेकर व्यवसायी, अधिकारी तथा मंत्री तक परेशान हैं. काफी दिनों से यहां यह समस्या बनी हुई है. बीएसएनएल प्रबंधन की ओर से इस समस्या को दूर करने की कभी भी कोई कोशिश नहीं की गई. ग्राहकों का कहना है कि टेलीफोन करने में इतनी परेशानी हो रही है कि बीएसएनएल की सेवा आगे बरकरार रखने की इच्छा नहीं है. बार-बार शिकायत करने के बाद भी बीएसएनएल की ओर से सेवा में सुधार की कोशिश नहीं की जा रही है. दूसरी तरफ बीएसएनएल के अधिकारियों का साफ-साफ कहना है कि ऑप्टिकल फाइवर केबल के कटने से इस तरह की परेशानी हो रही है.
इसके अलावा केबल चोरों का भी उत्पात काफी बढ़ गया है. इस इलाके में विभिन्न स्थानों पर सड़क चौड़ा करने का काम चल रहा है, जिसकी वजह से कई स्थानों पर ऑप्टिकल फाइवर केबल कट गये हैं. इस समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है. यहां उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टेलीफोन कंपनियों के कॉल ड्रॉप की समस्या को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और नाराजगी भी व्यक्त की थी. उसके बाद भी बीएसएनएल की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. बीएसएनएल ग्राहकों का कहना है कि कई बार की कोशिश के बाद फोन लगता है और बातचीत के क्रम में बार-बार कट जाता है.
कई बार तो हलो-हलो करने पर कोई जवाब नहीं आता. ग्राहकों को कॉल ड्रॉप की वजह से परेशानी तो होती ही है, साथ ही अकारण पैसे भी नष्ट हो रहे हैं. बीएसएनएल के कॉल ड्रॉप की समस्या से बड़े-बड़े सरकारी अधिकारी भी परेशान हैं. कॉल ड्रॉप की समस्या के शिकार मालदा के जिला अधिकारी शरत द्विबेदी का कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर बीएसएनएल के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं. जिले के एसपी प्रसुन्न बनर्जी का कहना है कि कॉल ड्रॉप की समस्या काफी गंभीर है. फोन करने के बाद भी कुछ सुनाई नहीं पड़ता और अचानक फोन कट जाता है, जबकि बैलेंस के पैसे काट लिये जाते हैं.
उन्होंने कहा कि बीएसएनएल अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. बीएसएनएल की सेवा से परेशान मालदा मर्चेन्ट्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जयंत कुंडू का कहना है कि बीएसएनएल अपनी ढांचागत सुविधाएं नहीं बढ़ा रही है. काफी दिनों से यहां बीएसएनएल की सेवा बदहाल है. बार-बार शिकायत किये जाने के बाद भी कोई लाभ नहीं होता है. नेटवर्क की सममस्या सबसे बड़ी समस्या है.