सिलीगुड़ी. केंद्र व राज्य सरकार के विरुद्ध कांग्रेसियों ने बुद्धवार को सिलीगुड़ी में शक्ति प्रदर्शन किया. सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सिलीगुड़ी जिला कोर्ट के सामने कानून तोड़कर जोरदार प्रदर्शन किया गया. इससे पहले हजारों कांग्रेसी किसान खेत मजदूर कांग्रेस कमेटी की दार्जिलिंग जिला (समतल) इकाई के बैनर तले शहर में विशाल प्रतिवाद रैली निकाली गयी.
कांग्रेस के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष शंकर मालाकार के नेतृत्व में स्थानीय एयरव्यू मोड़ से शुरु हुई और कोर्ट के सामने पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो गयी. प्रदर्शनकारी जोर-जबरदस्ती कोर्ट कैंपस व एसडीओ दफ्तर तक न पहुंच सकें इसके लिए सिलीगुड़ी पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये थे. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) पिनाकी मजूमदार व सिलीगुड़ी थाना के इंस्पेक्टर अचिंत गुप्त के नेतृत्व में सैकड़ों पुलिस कर्मी सुबह से ही कोर्ट कैंपस में मुश्तैद थे.
इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों का भी सहयोग लिया गया था. कोर्ट के मुख्य गेट को पहले से ही बंद कर दिया गया. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गेट के बाहर ही रोक दिया. कोर्ट में प्रवेश करने के लिए प्रदर्शनकारी पुलिस से भीड़ गये, लेकिन प्रदर्शकारी पुलिस के सामने पश्त हो गये. पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर मौके पर ही छोड़ दिया. बाद में केवल नौ वरिष्ठ नेताओं को ही एसडीओ को ज्ञापन देने के लिए पुलिस ने इजाजत दी. कांग्रेसी विधायक सुनील तिर्की, जीवन मजूमदार, सुबीन भौमिक, अमिताभ सरकार व अन्य ने 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन एसडीओ को सौंपा.
श्री मालाकार ने सिलीगुड़ी की जनता को संबोधित करते हुए जनविरोधी नीतियों के केंद्र की मोदी व राज्य की ममता सरकार को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि दोनों ही सरकारें भ्रष्टाचारियों की सरकार है. मोदी के अच्छे दिनों का वादा केवल वादा ही रह गया. न तो काला धन वापस आया और न ही देश की जनता का आर्थिक विकास. मोदी सरकार नये जमीन अधिग्रहन बील लागू कर किसानों की जमीन हड़पना चाहती है और प्रमोटरों के हाथों में सौंपना चाहती है. वहीं, बंगाल में एक साल चार महीने पहले ही महकमा परिषद का चुनाव हो जाना चाहिए था लेकिन तृणमूल सरकार चुनाव कराने से डर रही है. ममता की ओछी राजनीति की वजह से गांवों का बुरा हाल हो गया है.
शंकर मालाकार ने इंस्पेक्टर को दी ट्रांस्फर की धमकी : सिलीगुड़ी कोर्ट के सामने कांग्रेसियों के प्रदर्शन के दौरान नेताओं व पुलिस के बीच काफी देर तक तू-तू, मैं- मैं भी हुई. प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क जाम कर दिये जाने एवं कानून तोड़ो आंदोलन की अनुमति की अवधि के अनुसार दो घंटे देरी करने को लेकर पुलिस एवं नेताओं के बीच जोरदार बहस के दौरान शंकर मालाकार आपा खो बैठे और अपना गुस्सा काबू नहीं कर सके. सबों के सामने उन्होंने सिलीगुड़ी थाना के इंस्पेक्टर अचिंत गुप्त को ट्रांसफर की धमकी दे दी. श्री गुप्त ने भी नेताजी को दायरे का पाठ पढ़ा दिया. उन्होंने श्री मालाकार से कहा कि जिस काम के लिए आप लोगों ने अनुमति ली है केवल उतना ही करें. दायरे से बाहर मत जायें.