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हंगामा. तूल पकड़ रहा माध्यमिक-उच्च माध्यमिक परीक्षा का मुद्दा कई परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी हिन्दी हाई स्कूल फॉर ब्वॉयज में 2015 की माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के परिणाम का मुद्दा तूल पकड़ते जा रहा है. माध्यमिक के मौखिक परीक्षा व उच्च माध्यमिक के प्रायोगिक परीक्षा में कम नंबर दिये जाने से कई परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है. इस मुद्दे पर परीक्षार्थी स्कूल में […]
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी हिन्दी हाई स्कूल फॉर ब्वॉयज में 2015 की माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के परिणाम का मुद्दा तूल पकड़ते जा रहा है. माध्यमिक के मौखिक परीक्षा व उच्च माध्यमिक के प्रायोगिक परीक्षा में कम नंबर दिये जाने से कई परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है. इस मुद्दे पर परीक्षार्थी स्कूल में हंगामा खड़ा किये हुए हैं और प्रधान शिक्षक अखिलेश चतुव्रेदी व कलर्क प्रदीप ठाकुर को उनके दफ्तर में ही घंटों बंधक बनाये रखा गया. परीक्षार्थियों का आरोप है कि जानबुझ कर कम नंबर दिये गये हैं और परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
क्या है मामला
प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के नेतृत्वकर्ता व सिलीगुड़ी कॉलेज ऑफ कॉमर्स के छात्र मनीष बारी का कहना है कि माध्यमिक के मौखिक परीक्षा में हर साल 8 से 10 नंबर परीक्षार्थियों को दिया जाता है. लेकिन इस बार अधिकांश परीक्षार्थियों को मात्र 6 से 7 नंबर दिया गया. वहीं उच्च माध्यमिक के प्रायोगिक परीक्षा में 18 से 20 नंबर के बजाय मात्र 12 से 14 नंबर दिया गया. साथ ही उच्च माध्यमिक के 7 परीक्षार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा में जानबुझ कर अनुपस्थित कर दिया गया. इस वजह से इन सातों परीक्षार्थियों का अब कॉलेज में भर्ती कैसे होगी, यह एक चिंता का विषय है. वहीं अगर परीक्षार्थियों को उचित नंबर दिया जाता, तो उनका परिणाम और बेहतर होता. माध्यमिक परीक्षा में स्कूल टॉपर व उत्तर बंगाल में हिन्दी भाषी परीक्षार्थियों में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाला मृणकेश सिंह को मौखिक परीक्षा में अगर 6 नंबर के बजाय 8 से 10 नंबर मिलता, तो वह उत्तर बंगाल में पहला स्थान प्राप्त करता. मृणकेश ने प्रधान शिक्षक व कलर्क पर लापरवाही एवं परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन मुद्दों पर बार-बार बयान बदल रहे हैं और कह रहे हैं कि इन सातों परीक्षार्थियों ने प्रायोगिक परीक्षा की प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपे ही नहीं.
क्या कहना है स्कूल के शिक्षकों का
अर्थशास्त्र के शिक्षक एके मिश्र ने स्वीकार किया है कि इन परीक्षार्थियों की प्रोजेक्ट रिपोर्ट उन्होंने एवं अन्य शिक्षकों ने जांच की है. जांच करने के बाद प्रोजेक्ट रिपोर्ट कार्यालय को सौंप दी गयी है. इसके बाद इन प्रोजेक्ट रिपोर्टो का क्या हुआ, मुङो नहीं मालूम. प्रोजेक्ट रिपोर्ट कार्यालय में सौंपने के बाद हमारा कोई लेना-देना नहीं है.
विद्यार्थियों के हंगामे के बाद झुके स्कूल के प्रधान शिक्षक
विद्यार्थियों के करीब ढाई घंटे तक जोरदार हंगामे के बाद प्रधान शिक्षक अखिलेश चतुव्रेदी को झुकना पड़ा. श्री चतुव्रेदी ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को यह लिखकर आश्वासन दिया कि कल यानी बुधवार को इन सातों विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा में उत्तीर्ण करने हेतु जिला स्कूल निरीक्षक (डीआइ) दफ्तर में जाकर उनसे गुहार लगायेंगे. इस लिखित आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने प्रधान शिक्षक व कलर्क को दोपहर करीब ढाई बजे बंधक से मुक्त किया.
बार-बार बयान बदल रहे कलर्क
एक ओर प्रधान शिक्षक अखिलेश चतुव्रेदी इन मुद्दों पर यह कह कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि अभी हाल ही में जब स्कूल खुली तभी उन्होंने दायित्व संभाला. जब माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा हुई, उस समय वह दायित्व में नहीं थे. इन मुद्दों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. दूसरी ओर कलर्क प्रदीप ठाकुर बार-बार बयान बदल कर बचने की कोशिश कर रहे हैं और विवाद बढ़ा रहे हैं. श्री ठाकुर कभी कहते हैं कि इन सातों विद्यार्थियों ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट ही नहीं सौंपी, तो कभी कह रहे हैं कि इनकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट ही गुम हो गई है, तो कभी अन्य शिक्षकों पर मिथ्या आरोप लगा रहे हैं. जब प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने ठाकुर से प्रोजेक्ट रिपोर्ट गुम होने के बाद एफआईआर की प्रतिलिपि मांगी, तो ठाकुर के पास कोई जवाब नहीं था.
क्या कहना है सातों विद्यार्थियों का
उच्च माध्यमिक के परीक्षार्थी पिन्टू साह, विशाल कुमार वर्मा, विजय सहनी, सौरभ चौधरी, सद्दाम हुसैन, सुबोध शर्मा व राहुल महतो का कहना है कि हमलोगों ने प्रायोगिक परीक्षा की प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपने शिक्षकों को सौंपी थी, लेकिन रिजल्ट में उन्हें अनुपस्थित कर दिया गया. अब हम लोग कॉलेज में कैसे भर्ती लेंगे, आगे की पढ़ाई कैसे कर पायेंगे, यह समझ में नहीं आ रहा है. विशाल ने कहा कि प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपे जाने के बावजूद कलर्क प्रदीप ठाकुर कह रहे हैं कि हम लोगों ने कोई प्रोजेक्ट रिपोर्ट नहीं सौंपी है. जबकि संबंधित विषय के शिक्षक कबूल कर रहे हैं कि हमने इन सातों विद्यार्थियों का प्रोजेक्ट रिपोर्ट जांच की है और उचित नंबर भी दिये गये हैं. इन विद्यार्थियों का कहना है कि जब तक प्रधान शिक्षक व कलर्क हमारे प्रोजेक्ट रिपोर्ट को हमारे सामने पेश नहीं करते, तब तक इन दोनों को स्कूल से बाहर नहीं जाने देंगे.
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