जलपाईगुड़ी. उत्तर बंगाल के बंद चाय बागानों के खुलने की कोई उम्मीद चाय श्रमिकों को नहीं दिख रही है. कल बंद चाय बागानों का दौरा करने आयीं केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन से भी बागान खोलने को लेकर कोइ साकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है.इसकी वजह से श्रमिकों में भारी हताशा है.
रेड बैंक चाय बागान के चाय श्रमिकों का कहना है कि वर्ष 2003 में रेड बैंक चाय बागान बंद होने के बाद बागान की लड़कियां काम की तलाश में बाहर चली गयी. इस तरह की कई लड़कियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला. पेट पालने के लिए बागान के श्रमिक पत्थर तोड़ रहे हैं. दिनभर काम करने के बाद 110 रुपये मजदूरी मिलती है और उसी से दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना पड़ता है. बागान की बेटियों ने पढ़ाई छोड़ दी है. बागान में पेयजल व बिजली की समस्या है.
सड़कें जर्जर है. चिकित्सा सेवा नहीं है. श्रमिको का कहना है कि हम किसी की दया पर जीना नहीं चाहते हैं. हमलोग चाहते हैं कि चाय बागान जल्द खुल जाये. हमलोग काम कर अपना घर परिवार चलाना चाहते हैं.