हरिपुर/अंडाल : इसीएल के काजोड़ा एरिया अंतर्गत बंद माधवपुर ओसीपी से धुआं और आग निकलने से हरिशपुर के ग्रामीणों में भारी दहशत व्याप्त है. दो दिनों से हरिशपुर गांव के आसपास धुआं निकल रहा था, लेकिन रात से धुआं निकलने की गति में आयी बढ़ोतरी को देख कर ग्रामीण काफी भयभीत हो गये हैं.
आसपास अन्य छह गोफ से भी धुआं निकल रहा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद अंडाल बीडीओ मानस पांडे, जिला परिषद रुपेश यादव, तृणमूल अंडाल ब्लॉक अध्यक्ष कंचन मित्र, कौशल सिंह आदि घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और काजोड़ा एरिया प्रबंधन से धुआं व आग रोकने की मांग की. स्थानीय कृष्णा मंडल, कंचन चौधरी ने बताया कि जहां से धुआं निकल रहा है, वहां से 100 फीट की दूरी पर इंडियन ऑयल का पाइप लाइन गयी है और 500 फीट की दूरी पर हरिशपुर व धांडाडी गांव बसा है.
11 नंबर चानक माधवपुर सामने है. जल्द उचित व्यवस्था नहीं की गयी तो एक बड़ी घटना घट सकती है. उन्होने बताया कि 1991 में बाग्ची कमेटी ने हरिशपुर गांव को असुरक्षित घोषित कर दिया था. उसकी रिपोर्ट के बाद ही एडीडीए ने इन गांव और इसके पास के गांव हरिशपुर का सर्वे करायी ताकि पुनर्वास किया जा सके. वर्ष 2011 में हरिशपुर में 460 परिवारों को एडीडीए ने पुनर्वास का कार्ड दिया. ताकि बाद में इसी कार्ड के आधार पर हरिशपुर के ग्रामीणों का पुनर्वास करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. रिपोर्ट के बाद हरिशपुर के आसपास बंद ओसीपी और अवैध खदानों की भरायी शुरू किया गया. भरायी के बाद यहां पहली बार धुआं निकला और वह भी भयंकर.जामबाद ओसीपी एजेंट घटनास्थल पर पहुंच कर धुआं और आग वाले स्थानों की ड्रोजरिंग शुरु करायी.
जिला परिषद के कर्माध्यक्ष रुपेश यादव का कहना है कि माकपा सरकार के जमाने में यहां अवैध खदाने चलायी गयी, लेकिन इसकी भरायी नहीं हुयी और नीचे पहले से ही आग मौजूद था जो धीरे धीरे बढ़ती चली गयी. अंडाल बीडीओ मानस पांडे ने कहा कि हरिशपुर गांव का पुनर्वास की प्रक्रिया पर काम चल रहा है. जबतक सभी को पुनर्वास कार्ड नहीं मिल जाता, तब तक पुनार्वास नहीं हो पायेगा. ओसीपी एजेंट बीके सिन्हा का कहना है कि मिट्टी भरायी के बाद आग बाहर निकलना बंद हो जायेगी.