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अपना हक पाने को जनता के बीच जायेगा नगर निगम

सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल में दो प्रकार का कानून है. एक विरोधियों के लिए और दूसरा सत्ताधारी पार्टी के लिए. इसके अलावा केंद्रीय वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग से नगर निगम को मिलनेवाले फंड में इंडेक्स का काफी महत्व होता है. मगर राज्य सरकार पैसे देने में इन इंडेक्सों को नहीं मान रही. यह […]

सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल में दो प्रकार का कानून है. एक विरोधियों के लिए और दूसरा सत्ताधारी पार्टी के लिए. इसके अलावा केंद्रीय वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग से नगर निगम को मिलनेवाले फंड में इंडेक्स का काफी महत्व होता है. मगर राज्य सरकार पैसे देने में इन इंडेक्सों को नहीं मान रही. यह आरोप लगाया सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों के चलते सिलीगुड़ी नगर निगम को विकास के लिए फंड नहीं मिल रहा है. इसे लेकर आगामी 19 जुलाई को सिलीगुड़ी के मित्र सम्मेलनी हॉल में एक नागरिक सभा का आयोजन किया जा रहा है. मंगलवार को हिलकार्ट रोड स्थित माकपा कार्यालय अनिल विश्वास भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मेयर अशोक भट्टाचार्य पत्रकारों से बात कर रहे थे.
मेयर ने बताया कि सोमवार को वह कोलकाता में आयोजित 15वें फाइनेंस कमीशन की बैठक में सीपीएम के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित थे. जहां केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को और ज्यादा फंड देने जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया. इसके अलावे उस बैठक के माध्यम से उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में संविधान के 73वें तथा 74वें संशोधन को नहीं माना जा रहा है. क्योंकि केंद्रीय वित्त आयोग के आर्टिकल 280 के अनुसार सब सेक्शन बीडी तथा सब सेक्शन सी में इस बात का उल्लेख है कि राजस्व बटने के क्षेत्र में नगर निगम की सहमति आवश्यक है.
लेकिन ऐसा नहीं हो रहा.
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस दिन से वह सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर बने हैं उसके बाद से सरकार द्वारा मिलनेवाले फंड से सिलीगुड़ी का नाम निकाल दिया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षो में राज्य वित्त आयोग के पास सिलीगुड़ी नगर निगम का 24 करोड़ रुपये बकाया है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में उनके एमएलए फंड से विधान मार्केट इलाके में एक कम्युनिटी टॉयलेट बनाने की योजना थी. लेकिन वह इलाका एसजेडीए के अधीन होने के चलते यह संभव नहीं हो सका. उनका आरोप है कि एसजेडीए की ओर से उन्हें बताया गया कि बगैर उनकी अनुमति के वह वहां उस टॉयलेट का निर्माण नहीं करा सकते.
उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि विरोधी होने के चलते उन्हें किसी भी सरकारी बैठक में नहीं बुलाया जाता है. मेयर का कहना है कि ऐसे ही अन्य कई मुद्दों को लेकर आगामी 19 जुलाई को सिलीगुड़ी के मित्र सम्मेलनी हाल में एक नागरिक सभा का आयोजन किया जा रहा है. इसी के साथ 26 जुलाई को धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. पत्रकार सम्मेलन में माकपा नेता जीवेश सरकार व अन्य उपस्थित थे.

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