15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2007 की तरह छठी अनुसूची के खिलाफ दुष्प्रचार

गोरामुमो का पहाड़ के कुछ राजनीतिक दलों पर आरोप छठी अनुसूची को जीटीए से कहीं बेहतर व्यवस्था बताया दार्जिलिंग : गोरामुमो प्रवक्ता संदीप लिम्बु ने छठी अनुसूची को लेकर पहाड़ में फिर से भ्रम फैलाये जाने का आरोप लगाया है. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छठी अनुसूची की […]

गोरामुमो का पहाड़ के कुछ राजनीतिक दलों पर आरोप

छठी अनुसूची को जीटीए से कहीं बेहतर व्यवस्था बताया
दार्जिलिंग : गोरामुमो प्रवक्ता संदीप लिम्बु ने छठी अनुसूची को लेकर पहाड़ में फिर से भ्रम फैलाये जाने का आरोप लगाया है. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छठी अनुसूची की मांग को विफल बनाने के लिए साल 2007 में जिस तरह की साजिश हुई थी उसी तरह की साजिश फिर हो रही है.
उन्होंने कहा कि छठी अनुसूची जीटीए की तरह नहीं है, यह एक सक्षम व्यवस्था है. राज्य सरकार पहाड़ की समस्या का स्थायी समाधान करने की बात कह रही है, उसी के तहत गोरामुमो ने छठी अनुसूची की मांग फिर से उठायी है. परंतु इस बार भी पहाड़ के कतिपय राजनैतिक दल और उनका नेतृत्व जनता में भ्रम फैलाकर गोरामुमो की मांग को विफल करना चाहता है. श्री लिम्बु ने कहा कि विजय हनसारिया ने ‘सिक्स शिड्यूल टू द कांस्टीट्यूशन’ में छठी अनुसूची के बारे में विस्तार से लिखा है. लोगों को इसे पढ़ना चाहिए. पहाड़ में छठी अनुसूची से जनजाति और साधारण जातियों के बीच खाई पैदा होने का भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन यह सही नहीं है.
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी क्या छठी अनुसूची को स्वीकार करेंगी? इस प्रश्न के जवाब में प्रवक्ता लिम्बु ने कहा कि 2007 में छठी अनुसूची का प्रस्ताव संसद में पेश किया गया था, परंतु उस दौरान पहाड़ में छठी अनुसूची को लेकर गलत प्रचार के कारण पहाड़ में ही विरोध की आवाज उठ गयी, इसलिए संसद में पेश प्रस्ताव को संसदीय कमिटी के पास भेज दिया गया था.
उस दौरान ममता बनर्जी सांसद थीं और उन्होंने भी छठी अनुसूची के पक्ष में हस्ताक्षर किया था. छठी अनुसूची के जरिये ही गोरखालैंड के लक्ष्य तक पहुंचने की बात श्री लिम्बु ने कही.
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी राजनैतिक दल छठी अनुसूची से ज्यादा सक्षम व्यवस्था दार्जिलिंग के लिए लाने का काम करेगी, तो गोरामुमो उस दल का रास्ता छोड़ देगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें