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प्रभात खबर ने मॉर्निंग वॉकरों से पूछे सवाल .‘सोशल मीडिया वरदान या अभिशाप’ सोशल मीडिया का सदुपयोग कम, दुरुपयोग हो रहा अधिक

कोलकाता. प्रभात खबर की ओर से ‘सोशल मीडिया अभिशाप या वरदान’ विषय पर मार्निंग वॉकरों के विचार लिये गये. इस दौरान सुभाष तिमानी ने कहा कि मैं मानता हूं कि इससे बच्चों काे दूर रखने की जरूरत है. खासकर छात्र इसका अधिक उपयोग कर रहे हैं. मगर इसका प्रयोग अच्छे के लिए हो यह ध्यान […]

कोलकाता. प्रभात खबर की ओर से ‘सोशल मीडिया अभिशाप या वरदान’ विषय पर मार्निंग वॉकरों के विचार लिये गये. इस दौरान सुभाष तिमानी ने कहा कि मैं मानता हूं कि इससे बच्चों काे दूर रखने की जरूरत है. खासकर छात्र इसका अधिक उपयोग कर रहे हैं. मगर इसका प्रयोग अच्छे के लिए हो यह ध्यान रखना चाहिए. अजीत अग्रवाल कहते हैं कि सोशल नेटवर्किंग एक अच्छी पहल है. मगर इसका दुरुपयोग अधिक हो रहा है. इसके फायदे भी हैं.
कम समय में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करने का यह अच्छा माध्यम है. पंकज गुप्ता कहते हैं कि सोशल मीडिया से काफी लाभ हैं, लेकिन बच्चों को इसकी लत लग गयी है जो गलत है. कीर्ति पतीरा कहते हैं कि जब से व्हाट्स ऐप व फेसबुक अस्तित्व में आया है बच्चों में इसका गलत प्रभाव पड़ रहा है.

इसका एक लाभ है. यह परिवारों के बीच दुरियों को पाटने का काम कर रहा है. रूपांशु तिवारी कहती हैं कि सोशल मीडिया का उपयोग अपनी समझदारी पर निर्भर करता है. बस लोगों का इसका उपयोग आना चाहिए. सरकार को भी फोकस होना होगा. साथ ही घरवालों को भी अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी. राकेश सोमानी कहते हैं कि इसका सदुपयोग है तो दुरुपयोग भी है. धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहा है जिससे समाज में तनाव फैल रहा है. इस तरह के मामलों पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि इसका सही उपयोग हो सके. डी धारा मानते हैं कि युवाओं पर सोशल मीडिया का सबसे अधिक प्रभाव है. इससे हमारे समाज का हर तबका प्रभावित होता है.

सरकार को आगे आकर इसके लिए नियम बनाने की जरूरत है ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके. सीएस शारडा कहते हैं कि सोशल मीडिया के उपयोग से ब्लू व्हेल जैसे गेम के माध्यम से बच्चे आत्महत्या तक कर रहे हैं. यह बिल्कुल गलत है. युवाओं को इसके बारे में अधिक से अधिक जागरूक करने की जरूरत है. मो शफीक मानते हैं कि इसका सदुपयोग कम, दुरुपयोग अधिक हो रहा है. हमें इस संबंध में सरकार की बजाय खुद से सवाल करना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं उसका क्या प्रभाव पड़ रहा है. मो. जमील अंसारी कहते हैं कि अगर हम पॉजिटिव रहें तो सोशल मीडिया से हमें लाभ ही होगा. मगर अफवाहों को फैलाने में इसका उपयोग हो रहा है. हमें इससे बचने की जरूरत है.

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