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एनजेपी: पूर्वोत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन अब भी बना है वीरान, रेल सेवा नहीं हो पायी बहाल

सिलीगुड़ी. पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी)पिछले 15 दिनों से वीरान पड़ा है. स्टेशन पर साधारण टिकट काउंटर पर बोहनी तक नहीं हो रही है. बीते दिनों उत्तर बंगाल में आयी भारी बारिश ने देश के विभिन्न भागों के साथ उत्तर बंगाल का संपर्क तोड़ दिया है. पड़ोसी राज्य असम […]

सिलीगुड़ी. पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी)पिछले 15 दिनों से वीरान पड़ा है. स्टेशन पर साधारण टिकट काउंटर पर बोहनी तक नहीं हो रही है. बीते दिनों उत्तर बंगाल में आयी भारी बारिश ने देश के विभिन्न भागों के साथ उत्तर बंगाल का संपर्क तोड़ दिया है. पड़ोसी राज्य असम से न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से होकर बिहार, उत्तर प्रदेश से होते हुए दिल्ली व मुम्बई व देश के कई हिस्सों को जाने वाली ट्रेन रद्द है.

कोलकाता, झारखंड व असम से भी रेल संपर्क टूट गया है. रेल संपर्क टूटने से स्टेशन के आस-पास का व्यवसाय पूरी तरह से ठप है. प्लेटफार्म पर भी दुकानदार माथे पर हाथ् रख कर बैठे हैं. उनकी कमाई का मुख्य जरिया पूरी तरह से बंद हो गया है. दूसरी ओर ट्रेन सेवा बंद रहने से अन्य क्षेत्रों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है. आलम यह है कि कूरियर सेवा तक बंद है. सिर्फ स्पीड पोस्ट ही सहारा है. कूरियर कंपनियां कहीं के लिए भी बुकिंग नहीं ले रही है. इसके अलावा सीमेंट की आपूर्ति भी बंद हो गयी है.

सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में निर्माण कार्य प्रभावित होने लगा है. भारी बारिश की वजह से बीते दिनों पूरा उत्तर बंगाल जलमग्न हो गया था. बाढ़ ने उत्तर बंगाल की खेती को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. बाढ़ की वजह से सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल को देश के विभिन्न भागों से जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी काफी क्षतिग्रस्त हुआ. पड़ोसी राज्य बिहार व उत्तर बंगाल के बीच कई स्थानों पर रेलवे लाइन के नीचे की मिट्टी पानी के तेज बहाव के साथ बह गयी. कई रेलवे ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए. कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पानी की तेज धार में बह गये. सड़क मार्ग पर बाढ़ के पानी ने इतना तांडव मचाया कि करीब दस दिनों तक वाहनों की आवाजाही ठप रही. पिछले तीन-चार दिनों से यात्री ढ़ोने वाली बसें व बड़े ट्रक चलने लगे हैं. न्यू जलपाईगुड़ी उत्तर पूर्वी भारत का दूसरा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है. जो पिछले 15 दिनों से वीरान पड़ा हुआ है. ट्रेन रद्द होने से स्टेशन पर यात्री नहीं हैं. प्लेटफॉर्म पर लगे स्टॉल व हॉकर्स भी झख मार रहे हैं. न्यू जलपाईगुड़ी


दूसरी ओर ट्रेन बंद होने की वजह से कूरियर सेवा भी काफी प्रभावित हुयी है. एक या दो बड़ी कूरियर कंपनी को छोड़कर बाकी ने परिसेवा को स्थगित रखा है. कूरियर व्यवसासियों का कहना है कि ट्रेन का संपर्क टूट गया है. अधिकांश कूरियर सेवा ट्रेन के मार्फत ही भेजा जाता है. बस या हवाई मार्ग द्वारा परिसेवा मुहैया कराना मुमकिन नहीं है. ट्रेन के मार्फत होने वाली स्पीड पोस्ट और डाक सेवा भी प्रभावित हुयी है. सिलीगुड़ी हेड पोस्ट ऑफिस के मुताबिक ट्रेन से जाने वाले डाक रखे हुए है. ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद ही उन्हें भेजा जायेगा.
प्लेटफार्म पर माथे पर हाथ रख बैठे हैं दुकानदार
रेलवे स्टेशन के आस-पास होटल, लॉज व अन्य व्यवसाय पूरी तरह से ठप है. पिछले 15 दिनों से होटल, चाय-नास्ता व पान की दुकान बंद होना व्यवसासियों के सिर का दर्द बन गया है. होटल व लॉज कर्मचारियों के पेट पर बन आयी है. न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर निर्भर टैक्सी, ऑटो, बस व रिक्शा चालक को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. ट्रेन परिसेवा बंद होने की वजह से सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में निर्माण कार्य ठप होने की स्थिति में है. निर्माण कार्य के लिए सीमेंट अति आवश्यक है. जबकि ट्रेन बंद होने से सीमेंट आना बंद हो गया है. न्यू जलपाईगुड़ी के निकट रांगापानी स्टेशन पर पिछले 15 दिनों में सीमेंट का एक भी रैक नहीं आने से परेशानी बढ़ गयी है. सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल में सीमेंट का स्टॉक समाप्त होने की ओर है. सिलीगुड़ी के कुछ कारोबारियों का कहना है कि बड़े ब्रांड की सीमेंट गोडाउन से समाप्त हो चुका है. कुछ लोकल मेड सीमेंट उपलब्ध है लेकिन उसकी मांग काफी कम है. मालगाड़ी नहीं आने से सीमेंट बाजार से गायब है. कुछ बिल्डरों व निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों ने बताया कि मांग के अनुसार सीमेंट नहीं मिल रहा है. फलस्वरूप कई निर्माण कार्य को स्थगित करना पड़ रहा है.

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