कोलकाता, झारखंड व असम से भी रेल संपर्क टूट गया है. रेल संपर्क टूटने से स्टेशन के आस-पास का व्यवसाय पूरी तरह से ठप है. प्लेटफार्म पर भी दुकानदार माथे पर हाथ् रख कर बैठे हैं. उनकी कमाई का मुख्य जरिया पूरी तरह से बंद हो गया है. दूसरी ओर ट्रेन सेवा बंद रहने से अन्य क्षेत्रों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है. आलम यह है कि कूरियर सेवा तक बंद है. सिर्फ स्पीड पोस्ट ही सहारा है. कूरियर कंपनियां कहीं के लिए भी बुकिंग नहीं ले रही है. इसके अलावा सीमेंट की आपूर्ति भी बंद हो गयी है.
सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में निर्माण कार्य प्रभावित होने लगा है. भारी बारिश की वजह से बीते दिनों पूरा उत्तर बंगाल जलमग्न हो गया था. बाढ़ ने उत्तर बंगाल की खेती को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. बाढ़ की वजह से सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल को देश के विभिन्न भागों से जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी काफी क्षतिग्रस्त हुआ. पड़ोसी राज्य बिहार व उत्तर बंगाल के बीच कई स्थानों पर रेलवे लाइन के नीचे की मिट्टी पानी के तेज बहाव के साथ बह गयी. कई रेलवे ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए. कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पानी की तेज धार में बह गये. सड़क मार्ग पर बाढ़ के पानी ने इतना तांडव मचाया कि करीब दस दिनों तक वाहनों की आवाजाही ठप रही. पिछले तीन-चार दिनों से यात्री ढ़ोने वाली बसें व बड़े ट्रक चलने लगे हैं. न्यू जलपाईगुड़ी उत्तर पूर्वी भारत का दूसरा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है. जो पिछले 15 दिनों से वीरान पड़ा हुआ है. ट्रेन रद्द होने से स्टेशन पर यात्री नहीं हैं. प्लेटफॉर्म पर लगे स्टॉल व हॉकर्स भी झख मार रहे हैं. न्यू जलपाईगुड़ी
दूसरी ओर ट्रेन बंद होने की वजह से कूरियर सेवा भी काफी प्रभावित हुयी है. एक या दो बड़ी कूरियर कंपनी को छोड़कर बाकी ने परिसेवा को स्थगित रखा है. कूरियर व्यवसासियों का कहना है कि ट्रेन का संपर्क टूट गया है. अधिकांश कूरियर सेवा ट्रेन के मार्फत ही भेजा जाता है. बस या हवाई मार्ग द्वारा परिसेवा मुहैया कराना मुमकिन नहीं है. ट्रेन के मार्फत होने वाली स्पीड पोस्ट और डाक सेवा भी प्रभावित हुयी है. सिलीगुड़ी हेड पोस्ट ऑफिस के मुताबिक ट्रेन से जाने वाले डाक रखे हुए है. ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद ही उन्हें भेजा जायेगा.