इसी के माध्यम से छह सूत्री मांग पत्र राज्य के मुख्य सचिव को सौंपा जायेगा. गौरतलब है कि अलग राज्य के आंदोलन की वजह से पहाड़ पर बेमियादी बंद जारी है. सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय जाने से रोका जा रहा है. उनपर हमले हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन काट लिया है. इसके साथ ही सर्विस रकार्ड में ब्रेक इन सर्विस दर्ज कर दिया गया है. एक सरकारी कर्माचारी के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है. ब्रेक इन सर्विस का ग्रेच्युटी, पीएएफ व पेंशन पाने में परेशानी होती है. पश्चिम बंगाल सरकारी कर्मचारी समिति ने इसको लेकर राज्य के सभी जिला शासक व महकमा शासक को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है.
बुधवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए समिति के सचिव अरिंदम मित्रा ने बताया कि अलग राज्य के आंदोलन से सुलग रहे पहाड़ पर सरकारी कर्मचारियों की कोई गलती नहीं है. फिर भी सरकार वेतन काट रही है . सरकारी कर्मचारियों के समक्ष एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाए सरकार उन्हें आग में धकेलने को तैयार है. इसी को लेकर 4 अगस्त को राज्य के सभी जिला शासक व महकमा शासक को छह सूत्री ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी, कोलकाता व बांकुड़ा में 10 अगस्त को सम्मेलन का आयोजन किया गया है. सम्मेलन खत्म होने के बाद एक रैली की जायेगी. राज्य के मुख्य सचिव को भी ज्ञापन सौंपा जायेगा.