गौरतलब है कि अवैध खनन पर रोक लगाना सरकार के लिए एक चुनौती बनकर खड़ी है. अवैध खनन की वजह से जहां नदियां आपना मार्ग बदल रही है, वहीं नदी पर बना सेतु निर्धारित समय से पहले ही क्षतिग्रस्त हो रहा है. प्रकृति पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. दूसरी तरफ नदी किनारों को अवैध कब्जा करना कई लोगों का पेशा बन गया है. नदियों व प्रकृति को बचाने के लिए एनजीटी ने नदियों से खनन पर रोक लगा दी है. साथ ही नदियों पर बांस व काठ से अस्थायी सेतु का निर्माण नहीं कराया जाने का निर्देश दिया गया है. नदी किनारा दखल कर मकान या निर्माण कार्य कराने पर भी पाबंदी लगायी गयी है. लेकिन एनजीटी के सभी निर्देशों की अवहेलना हो रही है.
आरोप है कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद के इलाके से रात में ट्राफिक बंद होने के बाद बड़ी-बड़ी ट्रकों में बालू-पत्थर भरकर पड़ोसी राज्य बिहार के किशनगंज, ठाकुरगंज आदि इलाकों में भी पहुंचाया जाता है. राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजरने वाली इन गाड़ियों पर गस्ती पर तैनात पुलिस प्रशासन की नजर तो पड़ती है. लेकिन गाड़ी में बैठे अधिकारी देखकर भी अनदेखा कर देते हैं. प्रत्येक रात को चम्पासारी ग्राम पंचायत की नदियों से बालू-पत्थर लादकर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से असंख्य गाड़ियों को विधान नगर की ओर जाते देखा जा सकता है. बलासन, रक्ती, चेंगा व अन्य नदियों से भी बालू-पत्थर से लदी गाड़ियों पड़ोसी राज्य के रवाना होती है. विधान नगर टोल नाके पर बकायदा टोल टैक्स देकर गाड़ियां आगे बढ़ती है. नदी किनारों के दखल का आलम यह है कि हल्की सी बारिष में भी नदी किनारे बसे लोगों का घर क्षतिग्रस्त होने लगा है. लोग बांध को पारकर नदी के मार्ग में घर बना रहे हैं. महानंदा, बलासन आदि नदियों के किनारो का मंजर देखने लायक है.
नदियों से अवैध खनन के खिलाफ चारों ओर से आवाजे उठ रही है. माटिगाड़ा-1 नंबर ग्राम पंचायत प्रधान हरेन सिंह सहित कई लोगों ने इसकी शिकायत सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार से की. श्री सरकार ने भी अवैध खनन के खिलाफ कार्यवायी करने की कई गुहार बीएसआरो व डीएलआरओ को लगायी. लेकिन कार्यवायी के नाम पर सिर्फ एक फाइल बढ़ने के अलवा कुछ नहीं हुआ. अंत में सभाधिपति तापस सरकार ने बीते 2 मई को भूमि व भूमि सुधार विभाग के सचिव से शिकायत की.
आवश्यक कार्यवायी किये जाने का भरोसा दिलाकर सचिव ने सभाधिपति को बताया कि अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट डीएलआरो से मांगी गयी है. इस आश्वासन को भी दो महीने गुजर गये लेकिन स्थिति में सुधार दिख नहीं रहा है. इस संबंध में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने बताया कि नदियों से अवैध खनन के खिलाफ बीएलआरआो, डीएलआरओ से लेकर भूमि व भूमि सुधार विभाग के सचिव तक शिकायत की गयी है. लेकिन अवैध खनन करने वालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवायी अब तक नहीं हुयी. नदियों से खनन लगातार जारी है. इस बार फोटो व सबूत सहित शिकायत किये जाने की तैयारी की जा रही है.