सभी अपने फैसले लेने एवं अपनी पसंद की भाषा पढ़ने के लिए स्वतंत्र हैं, पर क्षेत्रीय भाषा पढ़ना एवं उसका ज्ञान होना भी तो जरूरी है. आप जहां रहेंगे, वहां की भाषा सीखनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने जो तीन भाषा फार्मूला दिया है, उसमें कहीं भी यह नहीं कहा है कि किसी को बांग्ला प्रथम भाषा के रूप में लेकर पढ़ना होगा. आप उर्दू, हिंदी, अलचिकी, नेपाली जो भी भाषा पढ़ें, यह आपकी मर्जी पर निर्भर है, पर कम से कम तीसरी भाषा के रूप में बांग्ला जरूर पढ़ें. अपनी भाषा पढ़ें, पर कक्षा 10 तक बांग्ला भी पढ़ना होगा. अगले वर्ष से यह शुरू हो जायेगा. प्राइवेट स्कूलों की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने किंतु तीन भाषा फार्मूला को बोर्ड से दूर रखा है. इसके लिए अलग से स्कूल में ही परीक्षा ले लेनी होगी. मुख्यमंत्री के इस एलान का प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों ने समर्थन किया है.
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2018 से स्कूलों में तृतीय भाषा के रूप में बांग्ला अनिवार्य
कोलकाता: अगले शिक्षा वर्ष से राज्य के सभी प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य रूप से तृतीय भाषा के रूप में बांग्ला भाषा की पढ़ाई होगी. बुधवार को मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की. टाउन हॉल में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह देश के अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में स्थानीय भाषा को अनिवार्य […]
कोलकाता: अगले शिक्षा वर्ष से राज्य के सभी प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य रूप से तृतीय भाषा के रूप में बांग्ला भाषा की पढ़ाई होगी. बुधवार को मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की. टाउन हॉल में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह देश के अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में स्थानीय भाषा को अनिवार्य करना नहीं चाहती हैं. उनका मकसद किसी पर कुछ लादना नहीं है.
नियमों की सख्ती देख आला अिधकारियों पर बरसीं सीएम
कोलकाता. बुधवार को टाउन हॉल में प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में शामिल होने आयीं मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी. मुख्यमंत्री की सुरक्षा के मद्देनजर टाउन हॉल में किसी भी वाहन के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी थी. मुख्यमंत्री के अलावा केवल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी, गृह सचिव मलय दे, डीजीपी सुरजीत कर पुरकायस्थ व कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गाड़ियां ही टाउन हॉल के अंदर जा पायी थीं. इस वजह से बैठक में शामिल होने आये स्कूल के प्रतिनिधियों को टाउन हॉल के बाहर ही अपनी गाड़ी छोड़ कर पैदल अंदर जाना पड़ रहा था. जिस समय मुख्यमंत्री टाउन हॉल के पास पहुंचीं, उस समय उनकी नजर एक मिशनरी स्कूल के वयोवृद्ध प्रतिनिधियों पर पड़ी, जो पैदल टाउन हॉल के अंदर जा रहे थे. पैर में तकलीफ होने के कारण उन्हें पैदल चलने में दिक्कत आ रही थी. यह देख कर मुख्यमंत्री भी अपनी गाड़ी से उतर पड़ीं आैर पैदल ही टाउन हॉल के अंदर जाने लगीं. मुख्यमंत्री को पैदल आते देख पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी भी उनकी तरफ लपके. उन्हें देखते ही मुख्यमंत्री भड़क उठीं आैर जम कर खरी-खोटी सुनायी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के नियमों पर उन्हें सख्त नापसंद है, जिससे दूसरों को दिक्कत उठानी पड़े. भविष्य में ऐसा न हो, इसका ख्याल रखा जाये.
माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के मेधावी परीक्षार्थियों को सम्मानित करेंगी सीएम
कोलकाता. माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के रिजल्ट आ चुके हैं. पिछली बार की तुलना में इस वर्ष पास प्रतिशत में इजाफा हुआ है. बड़ी संख्या में छात्र व छात्राआें ने मेधावियों की सूची में जगह बनायी है. इस बार मुख्यमंत्री माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षा के टॉपर परीक्षार्थियों का अभिनंदन करेंगी. यह कार्यक्रम अलीपुर में आयोजित होगा.
22 को नीदरलैंड जायेंगी मुख्यमंत्री : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब यूरोपीय देश नीदरलैंड जा रही हैं. नवान्न से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री 22-23 जून को नीदरलैंड जायेंगी. जहां वह यूनाइटेड नेशन के पब्लिक सर्विस डे कार्यक्रम में भाग लेंगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नीदरलैंड की सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आमंत्रित किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. मुख्यमंत्री अक्सर यह दावा करती हैं कि पश्चिम बंगाल ने पब्लिक सर्विस के क्षेत्र में काफी विकास किया है. अपने उस दावे को वह नीदरलैंड के शहर हेग में पब्लिक सर्विस डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पेश करेंगी. इस मंच के माध्यम से दुनिया को बतायेंगी कि बंगाल ने नागरिक परिसेवा प्रदान करने के क्षेत्र में किस तरह से विकास किया है आैर इसमें उनकी सरकार की भूमिक क्या-क्या है.
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