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भाजपा का आरोप : पुलिस व तृणमूल के गुंडों ने मचाया तांडव
लाठीचार्ज से घायल हुए 200 से अधिक समर्थक, छह की हालत गंभीर घर के ऊपर से भाजपा की रैली पर फेंके गये ईंट-पत्थर कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के लालबाजार अभियान के दौरान पुलिस ने सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडों के साथ मिल कर तांडव मचाया और निशाना भाजपा समर्थकों को बनाया गया. भाजपा समर्थक बिना […]
लाठीचार्ज से घायल हुए 200 से अधिक समर्थक, छह की हालत गंभीर
घर के ऊपर से भाजपा की रैली पर फेंके गये ईंट-पत्थर
कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के लालबाजार अभियान के दौरान पुलिस ने सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडों के साथ मिल कर तांडव मचाया और निशाना भाजपा समर्थकों को बनाया गया. भाजपा समर्थक बिना किसी हथियार के रैली में शामिल हुए थे, लेकिन उन पर बाहर के गुंडों ने बम फेंका और ईंट-पत्थर मारे. भाजपा समर्थकों को पुलिस व गुंडों ने मिल कर निशाना बनाया. ऐसा ही आरोप प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक शमिक भट्टाचार्य ने लगाया है.
गुरुवार को प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इस प्रकार की स्थिति पहले कभी भी देखने को नहीं मिली. राजनीतिक पार्टियां आंदोलन करती हैं और पुलिस उसे रोकने का प्रयास भी करती है, लेेकिन पुलिस खुद गुंडों के साथ मिल कर इस प्रकार का तांडव करेगी, यह कभी नहीं देखा.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के गुंडों ने ईंट-पत्थर फेंका और उसके बाद पुलिस ने भाजपा समर्थकों पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया, यहां तक कि महिला समर्थकों पर भी पुलिस ने रहम नहीं की. पुलिस की लाठीचार्ज में कम से कम 200 भाजपा समर्थक घायल हुए हैं और इनमें से पांच-छह की हालत गंभीर है. तीन समर्थकाें की हालत अत्यंत गंभीर होने की वजह से उनको एसएसकेएम अस्पताल में भरती किया गया है.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि पुलिस की लाठीचार्ज में प्रदेश भाजपा सचिव लाॅकेट चटर्जी व राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा भी घायल हुए हैं, वह इलाज कराने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचे ही थे, पुलिस दोनों नेताओं को बिना इलाज कराये गिरफ्तार कर लालबाजार ले गयी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि पुलिस व सत्तारूढ़ पार्टी के इस तांडव को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, इसके खिलाफ प्रदेश भाजपा का आंदोलन जारी रहेगा.
कोलकाता. भाजपा के लालबाजार अभियान के मद्देनजर जहां एक आेर महानगर में सुरक्षा की जबरदस्त व्यवस्था की गयी थी, वहीं राज्य सचिवालय नवान्न भवन में भी दिन भर बेहद सतर्कता बरती गयी. लालबाजार अभियान के मद्देनजर भाजपा का कोई कार्यकर्ता या समर्थक नवान्न में न घुस आये, इसके लिए नवान्न और आसपास के पूरे इलाके की चाक-चौबंद सुरक्षा की गयी थी. पूरे इलाके में पुलिस बल को तैनात किया गया था. परिचय पत्र देखने के बाद ही आम लोगों को उस रास्ते से जाने दिया जा रहा था.
नवान्न की आेर जाने वाले सभी वाहनों को चेक करने के बाद ही छोड़ा जा रहा था. इसके लिए नवान्न से संलग्न इलाके में बैरिकेड लगाया गया था. गौरतलब है कि पिछले सोमवार को वामपंथी संगठनों के नवान्न अभियान के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर सुजन चक्रवर्ती, अशोक भट्टाचार्य, तनमय भट्टाचार्य, अनिसुररहमान इत्यादि समेत कई वाम विधायक नवान्न के नॉर्थ गेट तक जा पहुंचे थे. अपनी गाड़ी पर सवार हो कर वह लोग न केवल वहां पहुंचे थे, बल्कि नवान्न में घुसने का भी प्रयास किया था, पर अंतिम समय में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर उन्हें नवान्न में घुसने से रोक दिया था.
सूत्रों के अनुसार उस घटना से सबक लेते हुए इस बार आरंभ से ही पुलिस प्रशासन बेहद तत्पर था. वाम नेतृत्व की तर्ज पर अपने लालबाजार अभियान के दौरान भाजपा नेता व कार्यकर्ता भी नवान्न परिसर में घुसने का प्रयास न करें, इसके लिए इस बहुतल इमारत और आसपास के इलाके को किले के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. जिस नॉर्थ गेट तक वाम विधायक जा पहुंचे थे, उस नॉर्थ गेट के सामने अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया था.
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