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कॉलेज की गवर्निंग बॉडी में नहीं रहेंगे छात्रों के प्रतिनिधि
वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेज (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट 2017 के पास होने से गवर्निंग बॉडी के कामकाज में होगा बदलाव एसएफआइ छात्र यूनियनों में असंतोष कोलकाता : राज्य सरकार की ओर से वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजस (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट 2017 के पास हो जाने पर कॉलेजों के लिए नये सिरे से नियम […]
वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेज (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट 2017 के पास होने से गवर्निंग बॉडी के कामकाज में होगा बदलाव
एसएफआइ छात्र यूनियनों में असंतोष
कोलकाता : राज्य सरकार की ओर से वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजस (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट 2017 के पास हो जाने पर कॉलेजों के लिए नये सिरे से नियम बनाये जा रहे हैं. इस कारण जहां शिक्षक संगठनों में असंतोष है, वहीं गवर्निंग बॉडी से छात्र प्रतिनिधियों को हटा देने के नियम से कुछ प्रतिनिधियों में आक्रोश पनप रहा है.
इस विषय में एसएफआइ व वाममोरचा समर्थित कुछ यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि गवर्निंग बॉडी में छात्रों का प्रतिनिधि रहना चाहिए. यह छात्रों का गणतांत्रिक अधिकार है, आज से नहीं बल्कि लगभग 30-35 सालों से निर्णायक बॉडी के रूप में छात्र रहे हैं. अब सरकार इसको बदल कर ठीक नहीं कर रही है. वे इसके खिलाफ प्रतिवाद करेंगे.
उल्लेखनीय है कि महानगर के कई कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी में अब नये नियम बनने के बाद छात्र प्रतिनिधियों का स्थान नहीं रहेगा. आनेवाले समय में जब नये नियमानुसार काम होगा तो नये रूप से पैनल का गठन किया जायेगा, जिसमें छात्र प्रतिनिधि नहीं रहेंगे. वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजस (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट 2017 में इसी तरह की नीति बनायी गयी है. यह नियम अप्रैल से लागू हुआ है. अभी तक कॉलेज की छात्र यूनियन का सचिव गवर्निंग बॉडी का आधिकारिक सदस्य हुआ करता था. हर चार साल में कॉलेज गवर्निंग बॉडी का गठन किया जाता है. अब नये सिरे से गवर्निंग बॉडी का पैनल तैयार किया जायेगा. इसी को लेकर कुछ छात्र यूनियनों में असंतोष है.
टीएमसी समर्थित छात्र यूनियन के एक सदस्य ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इस नियम से कॉलेजों के कामकाज में छात्रों का दखल नहीं रहेगा, बल्कि उच्च स्तरीय अधिकारी ही निर्णय लेंगे. दक्षिण कोलकाता के एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि अगले महीने हमारी गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा. नयी बॉडी में कोई छात्र प्रतिनिधि नहीं रहेगा. कॉलेज के एकेडमिक, प्रशासनिक व वित्तीय मामलों में छात्रों व छात्र यूनियन के प्रतिनिधियों की दखलअंदाजी सीमित करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है.
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