कोलकाता: वाम मोर्चा के सोमवार को नबान्न अभियान के दौरान वाम समर्थकों पर पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ वाम मोर्चा व कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में जम कर हंगामा किया और विधानसभा की कार्यवाही से वाकआउट किया. मंगलवार की सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने सवाल उठाया कि नबान्न गये वाम विधायकों को पुलिस ने किस अधिकार से गिरफ्तार किया. क्या विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति दी थी, हालांकि विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने अनुरोध किया कि प्रश्नोत्तर काल चलने दें, लेकिन वाम व कांग्रेस के विधायक इस मसले पर जवाब-तलब करने लगे.
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सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वाम व कांग्रेस के विधायक विधानसभा के वेल में उतर गये और नारेबाजी करने लगे. नारेबाजी के दौरान विधानसभा के मार्शल के साथ उनकी धक्का-मुक्की भी हुई. मंगलवार को विधानसभा में सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गयी थी. बाद में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि विरोधियों की आवाज दबायी जा रही है. वाम समर्थक शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बिना उकसावे के लाठीचार्ज किया.
माकपा के विधायक सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पूरे राज्य को कारावास में परिणत कर दिया है. विधानसभा में भी विरोधी दल के विधायकों को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. भाजपा के विधायक दिलीप घोष ने पत्रकारों पर पुलिस की लाठीचार्ज की निंदा की, लेकिन इसके साथ ही आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सह पर वामपंथी समर्थकों ने नबान्न अभियान किया था, ताकि भाजपा को दबाने के लिए वाम मोर्चा को आॉक्सीजन दिया जा सके.