कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक नयी व्यवस्था शुरू करने की योजना बनायी है. अब बी कॉम के छात्रों को उनकी उपस्थिति व परीक्षा में परफोरमेंस के आधार पर अंक दिये जाने की व्यवस्था शुरू की जायेगी. इसमें छात्रों को प्रत्येक विषय में पांच अंक उपस्थिति के लिए व पांच […]
कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक नयी व्यवस्था शुरू करने की योजना बनायी है. अब बी कॉम के छात्रों को उनकी उपस्थिति व परीक्षा में परफोरमेंस के आधार पर अंक दिये जाने की व्यवस्था शुरू की जायेगी. इसमें छात्रों को प्रत्येक विषय में पांच अंक उपस्थिति के लिए व पांच अंक इंटरनल परीक्षा के प्रत्येक पेपर के लिए दिये जायेंगे.
यूनिवर्सिटी ने जुलाई में शुरू होनेवाले एकेडमिक सत्र 2017 से च्वाइस्ड बेस्ड क्रेडिट प्रणाली (सीबीसीएस) व कॉमर्स में द्वैवार्षिक सेमेस्टर टेस्ट शुरू करने की योजना बनायी है. छात्र कक्षाओं में नियमित आयें व स्थायी रूप से टिके रहें, यह मानसिकता उनमें विकसित करने के लिए यह नयी व्यवस्था की जा रही है. यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ स्टडीज (कॉमर्स) ने सीबीसीएस के सफल क्रियान्वयन के लिए दो प्रस्ताव दिये थे.
दोनों प्रस्तावों पर गाैर किया गया. ये दोनों प्रस्ताव सिंडिकेट के सामने शीघ्र ही पेश किये जायेंगे. अगर सिंडिकेट इसको मंजूरी दे देता है, तो जुलाई से इसको लागू किया जायेगा. यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर (एकेडमिक) स्वागत सेन ने जानकारी दी कि प्रस्तावित प्रणाली पर कॉमर्स पढ़ानेवाले कई कॉलेजों के प्रिंसिपलों व शिक्षकों से पहले बातचीत की गयी. अधिकतर ने इसका समर्थन किया.
प्रो वाइस चांसलर का कहना है कि छात्रों में कक्षाओं से गायब होने की मानसिकता बढ़ती जा रही है. कॉलेजों द्वारा ली गयी परीक्षा को भी छात्र गंभीरता से नहीं लेते हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. सीबीसीएस प्रणाली को चलाने में कॉलेजों को कुछ चुनाैती का सामना तो करना पड़ेगा, लेकिन बाद में इसका लाभ होगा. इंटरनल टेस्ट के आधार पर छात्रों को अंक देने की व्यवस्था से छात्र कक्षा के टेस्ट को गंभीरता से लेंगे. यूनिवर्सिटी द्वारा सीबीसीएस प्रणाली को साइंस व आर्ट्स स्ट्रीम में भी शुरू करने की योजना बनायी गयी है. यूनिवर्सिटी के इस निर्णय से कॉलेज के कई प्रिंसिपल सहमत हैं.