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बाबुल ने मेट्रो के कामकाज का लिया जायजा
कहा : योजना में कुछ अड़चन थीं, जिसे राज्य सरकार के सहयोग से दूर कर लिया गया देश में पहली बार नदी के नीचे से चलेगी मेट्रो रेल हावड़ा. हावड़ा मैदान में इस्ट वेस्ट मेट्रो रेलवे का काम देखने के लिए सोमवार दोपहर मंत्री बाबुल सुप्रियो यहां पहुंचे व काम का जायजा लिया. इस दौरान […]
कहा : योजना में कुछ अड़चन थीं, जिसे राज्य सरकार के सहयोग से दूर कर लिया गया
देश में पहली बार नदी के नीचे से चलेगी मेट्रो रेल
हावड़ा. हावड़ा मैदान में इस्ट वेस्ट मेट्रो रेलवे का काम देखने के लिए सोमवार दोपहर मंत्री बाबुल सुप्रियो यहां पहुंचे व काम का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मेट्रो रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की. जायजा लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बाबुल ने कहा कि यह पहला मौका है, जब गंगा के नीचे से मेट्रो रेल चलाने के लिए टनेल बोरिंग मशीन काम करेगी.
उन्होंने प्रशंसा जाहिर करते हुए कहा कि हावड़ा मैदान घनी आबादी होने के बावजूद यहां मेट्रो रेलवे का काम चल रहा है. बाबुल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से निश्चित रूप से सहयोग मिला है. इस परियोजना के तहत कई जगहों पर अतिक्रमण हटाने में राज्य सरकार की अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि राइटर्स बिल्डिंग जैसे हेरीटेज भवन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. इस संबंध में खड़गपुर आइआइटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि काम करने के दाैरान भवन को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा. बावजूद इसके हमलोग पूरी नजर बनाये रखे हुए हैं.
मंत्री ने कहा कि मेट्रो रेलवे का काम आगे बढ़ाने को लेकर कुछ जटिलताएं सामने आयी थीं. राज्य सरकार के सहयोग से उन जटिलताओं को दूर कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस परियोजना के लिए 4800 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था जो बाद में 8800 करोड़ का हो गया. केंद्र सरकार पूरी तरह से मदद कर रही है. जल्द ही इस परियोजना को पूरा किया जायेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ झालमुड़ी खाने के दौरान अतिक्रमण की समस्याओं को लेकर बात हुई थी. उन्होंने सारी समस्याओं का समाधान कर दिया. बाबुल ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार होगा कि नदी के नीचे से मेट्रो रेल दोनों छोर से चलेगी. यह हम सबों के लिए गौरव की बात है.
तीस्ता मुद्दे पर बाबुल ने सीएम पर किया कटाक्ष
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीस्ता जल समझौता मुद्दे को जल्दबाजी में सार्वजनिक करने के लिए आलोचना की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जिस दिन दिल्ली में द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे उसी दिन ममता ने तीस्ता मुद्दे पर सार्वजनिक बयान दिया था.
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय संधि पर मीडिया को संबोधित करने वाले थे उस दिन उन्हें इस मुद्दे को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था. सुप्रियो ने कहा कि संघीय ढांचे में केंद्र ने कभी भी किसी राज्य के विचार को दरकिनार नहीं किया है और जल के राज्य का विषय होने के नाते किसी भी पहल से पहले पश्चिम बंगाल से संपर्क किया जाता. वह (ममता) मामले पर बाद में बोल सकती थीं.
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