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मेडिकल के लिए एनइइटी की परीक्षा सात को

कोलकाता: मेडिकल के क्षेत्र में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के लिए सात मई को नेशनल एलिजेबिलिटी कम इंन्ट्रेंस टेस्ट (एनइइटी) की परीक्षा होगी. इस परीक्षा को लेकर पश्चिम बंगाल राज्य के कई छात्र असमंजस में हैं. छात्रों का कहना है कि वे मेडिकल के लिए इस परीक्षा में बैठना चाहते हैं, लेकिन इस बात […]

कोलकाता: मेडिकल के क्षेत्र में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के लिए सात मई को नेशनल एलिजेबिलिटी कम इंन्ट्रेंस टेस्ट (एनइइटी) की परीक्षा होगी. इस परीक्षा को लेकर पश्चिम बंगाल राज्य के कई छात्र असमंजस में हैं. छात्रों का कहना है कि वे मेडिकल के लिए इस परीक्षा में बैठना चाहते हैं, लेकिन इस बात को लेकर तनाव में हैं कि यह परीक्षा उनके पाठ्यक्रम के आधार पर होगी कि नहीं. पहली बार मेडिकल की परीक्षा देनेवाले कुछ छात्रों का कहना है कि इस परीक्षा का संचालन सीबीएसइ द्वारा किया जा रहा है.

जो छात्र उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद से एफिलियेटेड स्कूल से पढ़े हुए हैं, उनके लिए यह परीक्षा कठिन हो सकती है. उच्च माध्यमिक व सीबीएसइ के सिलेबस में लैंग्वेज को लेकर काफी फर्क है. इस विषय में इंजीनियरिंग कॉलेज के एक शिक्षक का कहना है कि जो छात्र सीबीएसइ बोर्ड के स्कूल से पढ़े हैं, उन्हें एनइइटी में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी. लेकिन बंगाल के उन छात्रों के लिए यह परीक्षा कठिन हो सकती है, जो एचएस काउंसिल पाठ्यक्रम से पढ़े हैं. पहले इंजीनियरिंग व मेडिकल के लिए वेस्ट बंगाल ज्वाइंट इंट्रेंस एक्जामिनेशन बोर्ड (डब्ल्यूबीजेइइ) द्वारा ही दोनों परीक्षाएं ली जाती थीं. अब इसका विभाजन कर दिया गया है. कई ऐसे छात्र हैं, जो डब्ल्यूबीजेइइ में अच्छा रैंक हासिल कर सकते हैं, क्योंकि इस परीक्षा का पेपर एचएस सिलेबस के आधार पर तैयार किया जाता है. इसे पास करना राज्य के छात्रों के लिए आसान होता है. नीट परीक्षा का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर सीबीएसइ द्वारा किया जा रहा है. इसी को लेकर छात्र दुविधा में हैं.

कुछ छात्रों का कहना है कि सीबीएसइ बोर्ड एचएस व सीबीएसइ पाठ्यक्रम, दोनों को कैसे मिला सकती है. इस परीक्षा के पेपर में कोई त्रुटि होने से अंग्रेजीवाला पेपर सीबीएसइ की ओर से वैलिड माना जायेगा. जो छात्र बांग्ला मीडियम के हैं, उन्हें परेशानी हो सकती है. मेडिकल में जाने के इच्छुक कई छात्र एनइइटी (नीट) में बैठना ही नहीं चाहते हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इंजीनियरिंग के लिए भी राष्ट्रीय स्तर पर एकमात्र प्रवेश परीक्षा एनइइटी 2018 से शुरू करने की योजना बनायी है. यह नियम लागू होने से डब्ल्यूबीजेइइ परीक्षा का भी कोई मतलब नहीं रहेगा. इसे लेकर भी पश्चिम बंगाल सरकार काफी विरोध कर रही है. यह परीक्षा बांग्ला के अलावा किसी भी भाषा में हो सकती है, इससे भी राज्य के छात्रों को समस्या हो सकती है.

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