यदि मुख्यमंत्री के निर्देश के बगैर ही पुलिस की ओर से भांगड़ में बल प्रयोग किया गया, तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई औचित्य है या नहीं, इस पर गौर करना जरूरी है. भांगड़ में हुई घटना की तुलना सिंगूर और नंदीग्राम कांड से किये जाने के विषय पर श्री मिश्रा ने कहा कि सिंगूर और नंदीग्राम को लेकर कोई बात करने की योग्यता तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में नहीं है.
क्या मुख्यमंत्री और तृणमूल के नेता भांगड़ में जाकर आंदोलनरत किसानों को आश्वास दे सकते हैं कि उनकी इच्छा के विरुद्ध एक इंच भी जमीन अधिग्रहित नहीं की जायेगी? उन्होंने आरोप लगाया है कि तृणमूल सरकार की दोहरी नीतियों के कारण ही भांगड़ में विषम स्थिति उत्पन्न हुई. वामपंथी भांगड़ के आंदोलनरत ग्रामीणों और किसानों के साथ हैं.