उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में 61 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में उत्पादन के लक्ष्य को बढ़ा कर 120 मेगावाट किया गया है. इस योजना पर राज्य सरकार द्वारा लगभग एक हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. फिलहाल बंगाल में मात्र सात मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है, जो देश के अन्य राज्य जैसे गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान की तुलना में काफी कम है.
इसके साथ ही राज्य सरकार अगले एक वर्ष में देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाना चाहती है, यहां तक कि सुंदरवन जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अगले एक वर्ष में पावर ग्रिड लगा कर बिजली आपूर्ति की जायेगी. हालांकि पावर ग्रिड लगाने में बिजली विभाग को काफी परेशानी हो रही है, क्योंकि स्थानीय लोग पावरग्रिड के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों से लगातार संपर्क में हैं. बिजली विभाग के अधिकारी के अनुसार, सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल लगने से उनके संचालन का खर्च कम होगा, इससे राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी. उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के 400 भवनों और स्वास्थ्य विभाग के 200 भवनों पर सोलर पैनल लगाने की मंजूरी मिल चुकी है. बहुत जल्द यहां सोलर पैनल लगाने का काम शुरू किया जायेगा.