कोलकाता. नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार के बीच चल रही लड़ाई अब नया रूप लेती दिखायी दे रही है. इस लड़ाई के कारण अब तृणमूल सरकार जीएसटी के समर्थन से पैर पीछे करने का मन बनाती नजर आ रही है. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा का दावा है कि अधिकतर राज्य फिलहाल जीएसटी लागू करने के पक्ष में नहीं हैं.
गुरुवार को नवान्न में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में श्री मित्रा ने कहा कि देश के अधिकतर राज्यों के वित्त मंत्री गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) के फौरन कार्यान्वयन के खिलाफ हैं, क्योंकि ऐसा करने से देश की अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार पड़ेगी, जो पहले से ही नोटबंदी के फैसले के कारण दबाव में है. गौरतलब है कि श्री मित्रा जीएसटी पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त कमेटी के चेयरमैन भी हैं. श्री मित्रा का यह बयान केंद्र के लिए एक चेतावनी की तरह है, जो नोटबंदी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ युद्ध के रास्ते पर है.
सुश्री बनर्जी द्वारा नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधने के फौरन बाद श्री मित्रा ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह जानते हुए भी कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रारंभिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, हम लोगों ने जीएसटी का समर्थन किया. पर एक अच्छे मकसद के लिए हम सब इस पर राजी हुए थे. लेकिन अचानक नोटबंदी के तुगलकी फरमान ने देश की अर्थव्यवस्था काे अस्थिर कर दिया है. इस स्थिति में अधिकतर राज्यों के वित्त मंत्री इस बात पर सहमत हैं कि फिलहाल जीएसटी के लोगों होने से न केवल राज्यों की आर्थिक स्थिति पर दाेहरी मार पड़ेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी दोहरा संकट आयेगा. गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस ने पहले जीएसटी का समर्थन किया था. अब इसके विरोध के कारण केंद्र के लिए इसे लागू करना मुश्किल हो जायेगा.
राज्य सरकार का मानना है कि नोटबंदी से आम लोग बेहद परेशान व मुसीबत में हैं. फिलहाल लोगों को इस मुसीबत से निकालना ही हमारी प्राथमिकता है. जीएसटी से उनकी परेशानी दोगुनी हो जायेगी.