और आलू बेचकर ही कर्ज भी चुकायेगा. इसी बीच भारत सरकार ने पांच सौ और एक हजार का नोट रद्द कर दिया. घर में रुपये की किल्लत से एक समस्या उत्पन्न हो गयी. सोमवार की शाम अमित काफी गुस्से में घर से निकला था. बाद में उसने बताया कि आलू को लेकर वह ऐसी समस्या में पड़ा है जिसका कोई निदान नहीं है. लेकिन इसके लिये वह अपनी जान दे देगा, किसी ने नहीं सोचा था. अमित के पिता सुधीर सरकार भी पेशे के एक किसान हैं.
मामा ने बताया कि अमित ने 800 पैकेट आलू हिमघर में रखा था. अमित के ऊपर करीब ढाई लाख रुपये का कर्ज था. आलू की कीमत एक लाख तीस हजार से तीस, चालीस हजार रुपये कम हो जाने से अमित दिशाहीन हो गया था. इसी वजह से उसने आत्महत्या की राह पर चल पड़ा.