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आम लोगों से मिलने पहुंचीं मुख्यमंत्री

कोलकाता: 500 व 1000 रुपये के नोट बदलने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले ने देश भर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है. लोग अपने कामकाज छोड़ कर पुराने नोटों को बदलने एवं नया नोट लेने के लिए बैंकों व एटीएम का चक्कर लगा रहे है. दिन भर बैंकों के बाहर लोगों की […]

कोलकाता: 500 व 1000 रुपये के नोट बदलने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले ने देश भर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है. लोग अपने कामकाज छोड़ कर पुराने नोटों को बदलने एवं नया नोट लेने के लिए बैंकों व एटीएम का चक्कर लगा रहे है. दिन भर बैंकों के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी रहती हैं. सरकार के एलान के बावजूद अधिकतर एटीम बंद पड़े हैं.

जो खुले हैं, उनमें नकदी नहीं है. लोगों का बुरा हाल है. आम लोगों को हो रही परेशानी का जायजा लेने के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रास्ते पर उतर पड़ीं आैर उन्होंने कई बैंकों व एटीएम का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने घंटों कतार में खड़े लोगों से मिल कर उनके साथ हमदर्दी जताने का भी काम किया. शनिवार को मुख्यमंत्री ने जवाहरलाल नेहरू रोड, आशुतोष मुखर्जी रोड एवं शरत बोस रोड पर स्थित तीन बैंको का दौरा किया आैर वहां मौजूद ग्राहकों व बैंककर्मियों से हालचाल पूछा.

मुख्यमंत्री ने एटीएम के बाहर खड़े परेशान ग्राहकों के साथ भी बातचीत की. सुश्री बनर्जी ने सवेरे से कतार में खड़े परेशान ग्राहकों की बातें ध्यान के साथ सुनीं. अधिकतर ग्राहकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि बैंक व एटीएम से सौ रुपये के नोट नहीं मिल रहे हैं. लोगों के हालात व स्थिति को देख कर मुख्यमंत्री गुस्से से फट पड़ीं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि मुझे पता है कि आप लोगों को 50 व 100 रुपये के नोट की जरूरत है. क्योंकि 2000 के नोट से आपकी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि आप 2000 के नोट लेने से इनकार कर दें आैर उनसे 100 रुपये के नोट देने को कहें.

बैंको का जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री ने बैंक अधिकारियों से बात की आैर उनसे जानना चाहा कि वह भीड़ से कैसे निबट रहे हैं. अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके पास मांग के अनुसार नकदी नहीं है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपकी समस्या समझती हूं, देखती हूं कि मैं क्या कर सकती हूं. मुख्यमंत्री ने इस स्थिति के लिए केंद्र पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नोट पर पाबंदी लगाने का फैसला बगैर किसी तैयारी के किया गया है. लोगों की यह दुर्दशा केंद्र सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिये गये फैसले के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कतार में चार-पांच घंटे से खड़े हैं. सभी आम आदमी हैं. इनमें युवा, कर्मचारी, दुकानदार, गृहिणिया, छात्र, स्वरोजागर लोग हैं आैर मुझे नहीं दिख रहा है कि इनके पास काला धन है. यह काले सरकार की काली नीति है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंको में 100 रुपये के नोट नहीं हैं. अचानक इतने सारे लोगों को मंझधार में छोड़ दिया गया है. मैंने इससे खराब दिन इससे पहले कभी नहीं देखा है. बैंकों व एटीएम का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कई ट्वीट कर 500 व 1000 रुपये के नोट बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले पर जम कर भड़ास निकाला. उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने कोलकाता में कई सरकारी व प्राइवेट बैंकों एवं 50 एटीएम का दौरा किया. लोग शिकायत कर रहे हैं. 50 व 100 के नोट नहीं है.

घंटों कतार में लगने के बाद उन्हें 2000 रुपये के नोट दिये जा रहे हैं. वह अपनी रोजाना की जरूरत के लिए इस 2000 के नोट को कैसे इस्तेमाल करेंगे. पूरी तरह अराजकता है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले से आम लोग सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. स्थिति आैर बदतर होती जा रही है. जनता के हित में इस कठोर फैसले को वापस लें. काला धन जमा करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा कि 50 व 100 रुपये के नोट की कम सप्लाई है. वास्तव में भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये. आम लोगों को परेशान मत करो. लोगों का तनाव समझ में आता है.

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