जो खुले हैं, उनमें नकदी नहीं है. लोगों का बुरा हाल है. आम लोगों को हो रही परेशानी का जायजा लेने के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रास्ते पर उतर पड़ीं आैर उन्होंने कई बैंकों व एटीएम का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने घंटों कतार में खड़े लोगों से मिल कर उनके साथ हमदर्दी जताने का भी काम किया. शनिवार को मुख्यमंत्री ने जवाहरलाल नेहरू रोड, आशुतोष मुखर्जी रोड एवं शरत बोस रोड पर स्थित तीन बैंको का दौरा किया आैर वहां मौजूद ग्राहकों व बैंककर्मियों से हालचाल पूछा.
बैंको का जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री ने बैंक अधिकारियों से बात की आैर उनसे जानना चाहा कि वह भीड़ से कैसे निबट रहे हैं. अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके पास मांग के अनुसार नकदी नहीं है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपकी समस्या समझती हूं, देखती हूं कि मैं क्या कर सकती हूं. मुख्यमंत्री ने इस स्थिति के लिए केंद्र पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नोट पर पाबंदी लगाने का फैसला बगैर किसी तैयारी के किया गया है. लोगों की यह दुर्दशा केंद्र सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिये गये फैसले के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कतार में चार-पांच घंटे से खड़े हैं. सभी आम आदमी हैं. इनमें युवा, कर्मचारी, दुकानदार, गृहिणिया, छात्र, स्वरोजागर लोग हैं आैर मुझे नहीं दिख रहा है कि इनके पास काला धन है. यह काले सरकार की काली नीति है.
घंटों कतार में लगने के बाद उन्हें 2000 रुपये के नोट दिये जा रहे हैं. वह अपनी रोजाना की जरूरत के लिए इस 2000 के नोट को कैसे इस्तेमाल करेंगे. पूरी तरह अराजकता है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले से आम लोग सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. स्थिति आैर बदतर होती जा रही है. जनता के हित में इस कठोर फैसले को वापस लें. काला धन जमा करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा कि 50 व 100 रुपये के नोट की कम सप्लाई है. वास्तव में भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये. आम लोगों को परेशान मत करो. लोगों का तनाव समझ में आता है.