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तृणमूल को मिलेगा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा!
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को अब बहुत जल्द राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है. चुनाव आयोग के नये नियम के अनुसार, तृणमूल के साथ माकपा और भाकपा को भी राहत मिली है. क्योंकि इनसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता छीननेवाली थी, लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा. केंद्रीय चुनाव आयोग के […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को अब बहुत जल्द राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है. चुनाव आयोग के नये नियम के अनुसार, तृणमूल के साथ माकपा और भाकपा को भी राहत मिली है. क्योंकि इनसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता छीननेवाली थी, लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा. केंद्रीय चुनाव आयोग के नये नियम के अनुसार देश के चार राज्यों में जिस भी पार्टी को मान्यता मिली हो,
उसे राष्ट्रीय पार्टी माना जा सकता है. तृणमूल का पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा में राजनीतिक पार्टी के रूप में नाम दर्ज है. उत्तर-पूर्व में स्थित इन तीन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश को छोड़ कर बाकी दो राज्यों में तृणमूल के विधायक हैं. वहीं, राष्ट्रीय पार्टी की मर्यादा निर्धारण के लिए चुनाव आयोग ने इसकी समय सीमा पांच वर्ष से बढ़ा कर 10 वर्ष तक कर दी है. फलस्वरूप जिस प्रकार से तृणमूल को सुविधा मिलने जा रही है, उसी प्रकार माकपा, बसपा, एनसीपी की राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता खत्म होनेवाली थी. लेकिन अब इनकी भी मान्यता फिलहाल खत्म नहीं होगी. चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगले सप्ताह तक तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता मिल सकती है.
इस संबंध में तृणमूल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय ने कहा कि आयोग के नियमों में संशोधन की वजह से तृणमूल द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने का दावा और मजबूत हुआ है. तृणमूल ने पहले भी आयोग के सामने इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में वर्ष 2014 में बेहतर रिजल्ट नहीं होने की वजह से पार्टी को यह मान्यता नहीं मिल पायी.
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