संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार फिर से चाय बागानों तथा चाय श्रमिकों के कायाकल्प की बात कही.उ न्होंने कहा कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के साथ ही तराई एवं डुवार्स तथा उत्तर दिनाजपुर में चाय बागान हैं. राज्य सरकार इन चाय बागानों के साथ ही चाय श्रमिकों का भी कल्याण करना चाहती है. यही वजह है कि उनकी सरकार ने दोबारा सत्ता में आते ही अलग से 100 करोड़ रुपये देकर चाय निदेशालय का गठन किया है. उन्होंने चाय बागानों को लेकर केंद्रीय टी बोर्ड की भूमिका को लेकर रोष प्रकट किया. इससे पहले चोपड़ा में करीब ढाई घंटे तक प्रशासनिक बैठक चली. इस बैठक में मंत्री अरूप विश्वास तथा रवीन्द्रनाथ घोष भी उपस्थित थे.
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सिलीगुड़ी व मालदा में स्थापति होगा लेबर कोर्ट
सिलीगुड़ी.गैर संगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों सहित अन्य क्षेत्रों मे काम करने वाले कर्मचारियों तथा श्रमिकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके, इसके लिए सिलीगुड़ी तथा मालदा में शीघ्र ही लेबर कोर्ट की स्थापना होगी. यह जानकारी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी. वह […]
सिलीगुड़ी.गैर संगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों सहित अन्य क्षेत्रों मे काम करने वाले कर्मचारियों तथा श्रमिकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके, इसके लिए सिलीगुड़ी तथा मालदा में शीघ्र ही लेबर कोर्ट की स्थापना होगी. यह जानकारी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी. वह उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में तीन जिलों के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी में बनने वाले लेबर कोर्ट में दार्जिलिंग तथा जलपाईगुड़ी जिलों के मामलों की सुनवाई होगी,जबकि मालदा में बनने वाले कोर्ट में मालदा जिले के अलावा उत्तर दिनाजपुर तथा दक्षिण दिनाजपुर जिले के मामले की सुनवाई होगी. ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर बंगाल में कई प्रकार की समस्याएं हैं,जिन्हें वह दूर करना चाहती हैं. यही वजह है कि वह बार-बार उत्तर बंगाल के दौर पर आती हैं. राज्य की मुख्यमंत्री बनने के बाद से वह लगातार उत्तर बंगाल के दौरे पर आ रही हैं. वह स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बाढ़, नदी कटाव से लेकर विभिन्न प्रकार की समस्याओं से अवगत हैं और चरणबद्ध तरीके से इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने उत्तर बंगाल में सड़कों की बदहाल स्थिति पर अपनी चिंता जतायी.
और कहा कि नेशनल हाइवे आथोरिटी की लापरवाही से ही सड़कों की यह हालत है. नेशनल हाइवे आथोरिटी को सड़कों की खस्ताहाली दूर करने के लिए कहा गया है. यदि वह ऐसा नहीं कर सकती, तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंप दे, वह सड़कें दुरुस्त करवा देंगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास तथा कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर तथा मालदा जिले के जिला अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक सहित सभी विभागों के छोटे एवं बड़े प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इन जिलों में विकास योजनओं से लेकर कानून-व्यवस्था तक की स्थित पर चरचा की गयी.
उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर करीब चार महीने तक राज्य में कोई काम नहीं हुआ. अब सरकार लगातार विकास करना चाहती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्यालयों के अलावा महकमा तथा ब्लॉक स्तर पर भी उनकी सरकार ने प्रशासनिक बैठक का निर्णय लिया है. आज की बैठक इसी की एक कड़ी है.
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार फिर से चाय बागानों तथा चाय श्रमिकों के कायाकल्प की बात कही.उ न्होंने कहा कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के साथ ही तराई एवं डुवार्स तथा उत्तर दिनाजपुर में चाय बागान हैं. राज्य सरकार इन चाय बागानों के साथ ही चाय श्रमिकों का भी कल्याण करना चाहती है. यही वजह है कि उनकी सरकार ने दोबारा सत्ता में आते ही अलग से 100 करोड़ रुपये देकर चाय निदेशालय का गठन किया है. उन्होंने चाय बागानों को लेकर केंद्रीय टी बोर्ड की भूमिका को लेकर रोष प्रकट किया. इससे पहले चोपड़ा में करीब ढाई घंटे तक प्रशासनिक बैठक चली. इस बैठक में मंत्री अरूप विश्वास तथा रवीन्द्रनाथ घोष भी उपस्थित थे.
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