जीएसटी का सही प्रकार से क्रियान्वयन होने पर देश के आर्थिक विकास की गति में तेजी आयेगी और देश का जीडीपी विकास दर भी दो प्रतिशत तक बढ़ेगा. ये बातें सोमवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सीआइआइ व आइआइईएसटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि जीएसटी के माध्यम से देश में वस्तु व सेवा के लिए वसूले जानेवाले कर का एकीकरण होगा और देश की अर्थव्यवस्स्था पर इसका मध्यम व दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक व सामाजिक विकास की संभावनाएं अधिक हैं, लेकिन इसके लिए हमें आधारभूत सुविधाओं में विकास करना जरूरी है, इसके साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा वर्क फोर्स कहे जानेवाले भारत में युवाओं का कौशल विकास करना अत्यावश्यक है.
वर्ष 2025 तक देश की लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या की आयु औसतन 25 वर्ष होगी, इसलिए युवाओं को दक्ष बनाने के लिए इनको सही शिक्षा, कौशल विकास करना जरूरी है. राष्ट्रपति ने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पहले की अपेक्षा बढ़ा है, लेकिन यहां अभी भी आधारभूत सुविधाओं को और विकसित करने की जरूरत है, ताकि बीमा व रक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य कई क्षेत्र हैं, जिनमें एफडीआइ को आकर्षित किया जा सकता है.
हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये मेक इन इंडिया, इनवेस्ट इंडिया, स्किल इंडिया व स्टार्ट-अप इंडिया जैसी योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि इन योजनाओं से भारत में कारोबार करना अब आसान हो गया है. देश में जीडीपी विकास दर 2016-17 में 7.5 प्रतिशत होने की संभावना है. वहीं, देश में अनाज उत्पादन भी बढ़ा है.