मुख्यमंत्री से वह कहना चाहते हैं कि अभी भी वह संभल जायें. पार्टी रंगदार, दलालों को संभालें. नहीं तो जिस आग में विरोधियों को समाप्त करने का खेल शुरू किया था, वही आग उनके घर को जला रही है. कोलकाता में बागमारी कृष्णपल्ली और नतूनपल्ली की लड़ाई कोई अकेली घटना नहीं है. सर्वत्र ही तृणमूल के नेता दल बनाकर एक दूसरे के खिलाफ हमला कर रहे हैं. यह आग दावानल में परिवर्तित होगी. इसकी आंच से कोई नहीं बच सकेगा.
Advertisement
अपनी जलायी आग में खुद जल रही हैं सीएम : मन्नान
कोलकाता: विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी जलायी आग में अब खुद जल रही हैं. इस आग में एक दिन उनका अस्तित्व भी जल जायेगा. आग की तीव्रता जिस तरह से बढ़ रही है, उसे रोकने की शक्ति उनमें और नहीं है. वह राज्य की मुख्यमंत्री तथा मां, […]
कोलकाता: विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी जलायी आग में अब खुद जल रही हैं. इस आग में एक दिन उनका अस्तित्व भी जल जायेगा. आग की तीव्रता जिस तरह से बढ़ रही है, उसे रोकने की शक्ति उनमें और नहीं है. वह राज्य की मुख्यमंत्री तथा मां, माटी मानुष की नेता हैं. सत्ता के पहले पांच वर्ष में वह कांग्रेस को तोड़ने के खेल में जुट गयी थीं. कांग्रेस के चुने हुए जन प्रतिनिधियों को लालच या डरा कर अपनी पार्टी में लेने के खेल में वह जुट गयी. कांग्रेस की शाखा व संगठन के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने लगीं. कांग्रेस को साइनबोर्ड में बदलने का व्रत लेकर उन्होंने काफी कोशिशें कीं, लेकिन सफल नहीं हुईं और न ही कभी हो सकेंगी.
दूसरी बार सत्ता में आने के बाद वह राज्य को विरोधी शून्य करने के खेल में लग गयी हैं. पुराने खेल को फिर से शुरू कर दिया है. विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को डरा कर, लालच देकर, तोड़कर विपक्ष के हाथों में रहनेवाली नगरपालिका, पंचायत या जिला परिषद को वह दखल करना चाहती हैं. रुपये की थैली देकर यह काम करनेवालों को मैदान में छोड़ दिया गया है. इसमें आदर्श का कोई स्थान नहीं है. गुंडे, समाजविरोधियों, रंगदारों को लेकर उन्होंने अपनी पार्टी बनायी है. स्थिति यहां तक पहुंच गयी है कि आज हर मोहल्ले में गुंडागर्दी चल रही है. उनके दिखाये रास्ते में उनके ही समर्थक अब एक दूसरे से लड़ रहे हैं. हथियारों के साथ हिंसा चल रही है. कभी राजारहाट तो कभी कुलपी, कभी जामुड़िया तो कभी तेहट्ट, हर जगह ऐसी ही भयावह परिस्थिति है. महिलाओं के लिए कोई सुरक्षा नहीं है. सम्मान बचाना आज प्रश्नचिह्न बन गया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement