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कड़ी सुरक्षा: इंटिग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम से लैस होगा जीआरएसई, 60 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी

कोलकाता: जल्द ही गार्डेनरीच शिपबिल्डर्श एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) की सुरक्षा व्यवस्था इंटिग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम से लैस होगी. इस सिस्टम के लगने से यहां की सुरक्षा व्यवस्था पहले की तुलना में 10 गुणा और भी ज्यादा सख्त हो जायेगी. इसके लिए कई आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. इसमें जहां एक तरफ यहां प्रवेश करने के […]

कोलकाता: जल्द ही गार्डेनरीच शिपबिल्डर्श एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) की सुरक्षा व्यवस्था इंटिग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम से लैस होगी. इस सिस्टम के लगने से यहां की सुरक्षा व्यवस्था पहले की तुलना में 10 गुणा और भी ज्यादा सख्त हो जायेगी. इसके लिए कई आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. इसमें जहां एक तरफ यहां प्रवेश करने के द्वार में परिवर्तन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ यहां काम करने वाले अस्थायी श्रमिकों पर पहले की तुलना में और भी सख्ती से निगरानी रखी जायेगी.
60 से ज्यादा कैमरे की निगरानी में रहेंगे श्रमिक
जीआरएसई सूत्रों के नये सुरक्षा व्यवस्था के तहत कई कड़े कदम उठाये गये हैं. इसमें पूरे जीआरएसई के विभिन्न यूनिटों में कुल 60 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं. जो यहां आने वाले स्थायी व अस्थायी श्रमिक की गतिविधियों को कैद करेंगे. इसके लिए अलग से मॉनिटरिंग सेल बनाया जा रहा है. क्योंकि यहां कई प्रोडक्शन यूनिट व कच्चा माल का गोदाम के अलावा दफ्तर अलग जगहों पर है, सिर्फ कुछ ही सुरक्षा अधिकारियों को इस सेल में ड्यूटी की जिम्मेदारी दी जायेगी.
कच्चा माल स्थायी व अस्थायी श्रमिक के लिए होगा अलग गेट
सूत्रों का कहना है कि यहां कच्चा माल, अस्थायी श्रमिक और अधिकारी तीन अलग गेट से अंदर प्रवेश करेंगे. अधिकारियों के प्रवेश करने के लिए बायोमैट्रिक गेट बनाया जा रहा है, जबकि अस्थायी श्रमिक फ्लक गेट (तीन छड़ निकले आकार में बने, एक छड़ से सिर्फ एक व्यक्ति का प्रवेश) से अंदर प्रवेश करेंगे. आम तौर पर मेट्रो रेलवे, इडेन गार्डेन व अलीपुर चिड़ियाघर में प्रवेश के लिए इस तरह के गेट का इस्तेमाल होता है. फ्लक गेट को पार करते ही फुल लेंथ कांटिनेंट टाइल्स से होकर उन्हें आगे बढ़ना होगा. यहां से प्रवेश के समय इनके पूरे शरीर का स्कैन हो जायेगा.
10 वाच टावर से होगी हर मूवमेंट की जानकारी
जीआरएसई की सुरक्षा में पहले ही सीआइएसएफ के 350 जवानों को तैनात किया जा चुका है. इसके अलावा अब 10 वाच टावर की मदद से सीआइएसएफ के जवान पूरे जीआरएससी में सभी के मुवमेंट पर नजर रखेंगे. इस दौरान कौन कहां कब क्या कर रहा है, इसकी हर पल की खबर रखी जायेगी. इस पूरे मामले में सूत्रों का कहना है कि इसमें से कुछ सुरक्षा व्यवस्था का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि बाकी बचे काम को जल्द पूरा कर लिया जायेगा.
ज्ञात हो कि हाल ही में हैदराबाद में सुरक्षा एजेंसी एनआइए की पकड़ में 11 संदिग्ध आये थे. उनमें से छह को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि इसके कारण यहां की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने का निर्णय लिया गया है.
अस्थायी श्रमिकों को पुलिस सर्टिफिकेट लेना होगा अनिवार्य
सूत्रों का कहना है कि जीआरएसई में काम करने के लिए जितने भी अस्थायी श्रमिक बाहर से लिये जाते हैं, उन श्रमिकों को अब पुलिस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा. बिना पुलिस सर्टिफिकेट के अब नये श्रमिकों को यहां काम पर नहीं रखा जायेगा. सूत्रों का कहना है कि कुछ महीने पहले पाकिस्तानी जासूस के संदेह में गिरफ्तार मोहम्मद इरशाद यहां अस्थायी लेबर के तौर पर काम करता था. गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने पुलिस के हाथों गिरफ्तार मोहम्मद इजाज (पाकिस्तानी नागरिक) नामक अपने दोस्त को रिश्तेदार बताकर यहां अंदर प्रवेश करवा चुका था. इसके कारण अस्थायी श्रमिकों पर खास निगरानी रखने का फैसला लिया गया है.

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