कोलकाता : सामाजिक कार्यकर्ताओं ने साइकिल सवारों और बिना मोटर वाले परिवहन (एनएमटी) का इस्तेमाल कर रहे लोगों को नगर में आने जाने की अनुमति दिए जाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दाखिल कर कलकत्ता उच्च न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
एनएमटी रोक के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले संगठन,चक्र सत्याग्रह, के सदस्यों द्वारा दाखिल जनहित याचिका के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और न्यायमूर्ति जे बागची की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए बुधवार को लाए जाने की उम्मीद है. याचिका में अनुरोध किया गया है कि पुलिस को एनएमटी तथा साइकिलों की सवारी करने वालों पर जुर्माना लगाने से पुलिस को रोका जाना चाहिए. इसके साथ ही शहर से ‘‘नो साइक्लिंग’’ का बोर्ड हटाया जाना चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि साइक्लिंग पर रोक संबंधी अधिसूचना कानूनी रूप से अवैध है क्योंकि राज्य सरकार ने निर्धारित समय के अंदर इसकी अभिपुष्टि नहीं की.
कोलकाता यातायात पुलिस ने शहर की 174 सड़कों पर पिछले साल साइकिलों और सभी प्रकार के एनएमटी परिवहन पर रोक लगा दी थी. इस फैसले के खिलाफ आम साइकिल सवारों के अलावा समाचार वेंडरों, कूरियर पहुंचाने वालों, दूध बिक्रेताओं सहित अन्य प्रकार के श्रमिकों ने, चक्र सत्याग्रह, शुरू किया है.
प्रतिबंध के अवैध हो जाने के बाद भी साइकिल सवारों और एनएमटी परिवहन का इस्तेमाल करने वालों लोगों पर पुलिस द्वारा 100 रुपए से 300 रुपए तक का जुर्माना किया जाना जारी रहा. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अदालत से पुलिस को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि भविष्य में एनएमटी पर रोक लगाने के लिए ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की जाए क्योंकि यह स्थिरता और समानता के विचार के खिलाफ है.