Advertisement
पांच राज्यों के विस चुनाव के नतीजों की पार्टी ने की समीक्षा, बंगाल में कांग्रेस से गंठबंधन पर माकपा नेतृत्व नाखुश
नयी दिल्ली/कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से हुुए गंठबंधन के मुद्दे पर माकपा में मतभेद खुल कर सामने आ गया है. चुनाव में करारी शिकस्त खाने के कुछ दिनों बाद माकपा का शीर्ष नेतृत्व पार्टी की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई से खासा नाराज है. शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि चुनावी रणनीति […]
नयी दिल्ली/कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से हुुए गंठबंधन के मुद्दे पर माकपा में मतभेद खुल कर सामने आ गया है. चुनाव में करारी शिकस्त खाने के कुछ दिनों बाद माकपा का शीर्ष नेतृत्व पार्टी की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई से खासा नाराज है. शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि चुनावी रणनीति पार्टी की रणनीतिक लाइन के अनुरूप नहीं थी, जिसमें कांग्रेस के साथ किसी भी चुनावी तालमेल या गंठबंधन पर पाबंदी थी.
पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा: पोलित ब्यूरो की राय है कि पश्चिम बंगाल में जो चुनावी रणनीति उभरी वह केंद्रीय समिति के फैसलों और पार्टी की राजनैतिक रणनीतिक लाइन के अनुरूप नहीं है, जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस के साथ कोई चुनावी तालमेल या गंठबंधन नहीं होगा. वह पोलित ब्यूरो की दो दिवसीय बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
सूत्रों के अनुसार, बैठक में कांग्रेस के साथ गंठबंधन को लेकर केरल और बंगाल के नेता बंटे नजर आये. पोलित ब्यूरो में शामिल केरल के नेताओं ने खुल कर गंठबंधन के फैसले का विरोध किया. त्रिपुरा राज्य कमेटी की ओर से भी वाम-कांग्रेस के बीच हुए तालमेल का विरोध किया गया. वहीं पार्टी महासचिव येचुरी बैठक के दूसरे दिन पश्चिम बंगाल के नेताओं का बचाव करते दिखे.
पोलित ब्यूरो ने पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान माकपा के प्रदर्शन की समीक्षा की. पोलित ब्यूरो पार्टी का निर्णय करने वाला शीर्ष निकाय है.
माकपा ने पश्चिम बंगाल में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन किया है. माकपा ने अन्य वाम दलों के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल पर 34 साल तक शासन किया था. उसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने उसे सत्ता से बेदखल कर दिया. इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में माकपा तीसरे नंबर पर खिसक गयी. उसे 294 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सिर्फ 26 सीटें मिलीं जबकि पिछली बार 40 सीटें मिली थीं.
कांग्रेस ने अपने प्रदर्शन में पिछली बार की तुलना में थोड़ा सुधार किया और उसे 44 सीटें मिलीं. पिछली बार उसे 42 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने इस बार माकपा के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि, चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ गठजोड़ पर नाखुशी के बावजूद माकपा ने कहा कि दोनों पार्टियों को अन्य दलों के साथ
मिलकर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा विपक्षी पार्टी के सदस्यों पर कथित हमले के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए.
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी एकजुट होकर किये जाने वाले संघर्ष में भाजपा को भी साथ लेगी तो येचुरी ने इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की. भाजपा भी आरोप लगा रही है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उसके कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं.
माकपा नेता ने कहा, ‘हमने पश्चिम बंगाल में शुरू हुई व्यापक हिंसा का बेहद निडरता से संज्ञान लिया है, जहां तृणमूल कांग्रेस सभी विपक्षी पार्टियों पर हमला कर रही है.’ उन्होंने कहा, ‘बंगाल में गंभीर स्थिति है, इसलिए पोलित ब्यूरो ने इस हिंसा के खिलाफ राज्य में सभी विपक्षी ताकतों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया है और हमने इसका एकजुट होकर प्रतिरोध करने का आह्वान किया है.’ तृणमूल कांग्रेस पर राज्य में विपक्षी पार्टियों पर व्यवस्थित तरीके से हमला करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी नीत पार्टी उन विधानसभा क्षेत्रों में राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही है जहां उसे खारिज कर दिया गया है.
उन्होंने दावा किया कि अनेक माकपा कार्यकर्ताओं ने अपनी जान गंवा दी है और 600 से अधिक पार्टी कार्यालयों मंे तृणमूल के लोगों ने कथित तौर पर लूटपाट, तोड़फोड़ या आगजनी की है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement