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तृणमूल के शासन में श्रमिकों के हितों की हुई अवहेलना : एटक

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के पांच वर्षों के शासनकाल में श्रमिकों के हितों का शोषण हुआ है. मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हमले बढ़े हैं. ये बातें रविवार को एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी अॉपरेटर्स यूनियन व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी सहित एटक समर्थित अन्य परिवहन संगठनों द्वारा […]

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के पांच वर्षों के शासनकाल में श्रमिकों के हितों का शोषण हुआ है. मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हमले बढ़े हैं.

ये बातें रविवार को एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी अॉपरेटर्स यूनियन व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी सहित एटक समर्थित अन्य परिवहन संगठनों द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एटक के राज्य सचिव रंजीत गुहा ने कहीं. रविवार को एटक के वरिष्ठ परिवहन श्रमिक नेता नवल किशोर श्रीवास्तव के नेतृत्व में सियालदह रेल पुल से बेलियाघाटा सीआइटी रोड तक वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष व गणतांत्रिक उम्मीदवारों के समर्थन में जुलुस निकाला गया था. इसमें श्री गुहा के साथ-साथ इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रमेन पांडेय, बेलियाघाटा से कांग्रेस समर्थित वाम मोरचा के उम्मीदवार राजीव विश्वास, पूर्व पार्षद मृणाल कांति राय चौधरी, एकराम खान, प्रवीर दास, मोहम्मद मुश्ताक, मोहम्मद अख्तर, मुकेश तिवारी, अशोक राय, अरूप मंडल, अरुण चट्टराज, मुनेश्वर वर्मा सहित अन्य वाम व कांग्रेस समर्थक शामिल थे.

वरिष्ठ परिवहन श्रमिक नेता नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि वाम मोरचा व कांग्रेस के साथ-साथ वामपंथी व कांग्रेस समर्थित श्रमिक संगठन भी तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ एकजुट हो गये हैं. तृणमूल कांग्रेस के राज्य में परिवहन श्रमिकों व टैक्सी चालकों को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है. उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया है. उन पर जुल्म बढ़े हैं. केवल वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष व गणतांत्रिक ताकतें ही टैक्सी चालकों व परिवहन श्रमिकों के अधिकार को मुहैया करा सकती हैं. उनके मौलिक अधिकारों को दिला सकती हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की पराजय तय है. इसी कारण तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर आक्रमण करना शुरू कर दिया है. चुनाव के पहले विपक्षी दलों के समर्थकों को डराया-धमकाया जा रहा है. चुनाव में धांधली की कोशिश की जा रही है.

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रमेन पांडेय ने कहा कि कांग्रेस व वामपंथी दलों के बीच ‘बोझा-पोड़ा’ से मुख्यमंत्री डर गयी हैं. उन्होंने कहा कि पांच वर्षों के शासन में श्रमिकों के हितों की अवहेलना की गयी है. उनके अधिकार छीने लिये गये हैं. मौलिक अधिकार सुरक्षित नहीं रहा है. केवल वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष व जनतांत्रिक सरकार ही श्रमिकों के अधिकारों को दिला पायेगी.

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