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सूर्यकांत ने बंगाल की स्थिति असामान्य व आपातकाल जैसी बतायी, कहा लोकतंत्र की वापसी के लिए चुनावी संघर्ष
कोलकाता. माकपा नेता सूर्यकांत मिश्रा ने ‘पश्चिम बंगाल में हालात को असाधारण और आपातकाल जैसी स्थिति’ बताते हुए कहा है ‘जनाकांक्षा’ ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए उनकी पार्टी को कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए बाध्य किया है, लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है कि अगर सत्ता मिली, तो मुख्यमंत्री […]
कोलकाता. माकपा नेता सूर्यकांत मिश्रा ने ‘पश्चिम बंगाल में हालात को असाधारण और आपातकाल जैसी स्थिति’ बताते हुए कहा है ‘जनाकांक्षा’ ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए उनकी पार्टी को कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए बाध्य किया है, लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है कि अगर सत्ता मिली, तो मुख्यमंत्री कौन होगा.
माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य सूर्यकांत मिश्रा से जब पूछा गया कि अगर विधानसभा में उनका गंठबंधन जीतता है, तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा तो उन्होंने कहा : जब समय आयेगा, तब इस बारे में फैसला किया जायेगा. अभी हम इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं. हमारा मुख्य संघर्ष राज्य में लोकतंत्र की बहाली है. तब क्या माकपा और कांग्रेस ने कोई साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया है? इस सवाल पर पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता मिश्रा ना में जवाब दिया.
माकपा कांग्रेस की अनेक नीतियों और कार्यक्रमों का विरोध कर चुकी है. इस पृष्ठभूमि में कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के चुनावी गंठबंधन की हिमायत करते हुए उन्होंने कहा : यह एक असाधारण स्थिति है. राज्य में अघोषित आपातकाल है. यह मुख्यत: लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर हमला है जो वाम, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को एक व्यापक मंच के निर्माण की तरफ ले गया. श्री मिश्रा ने कहा : कोई लुका-छिपी नहीं है. मैंने एक सार्वजनिक सभा में आह्वान किया और कांग्रेस से कहा कि वह अपना रुख साफ करे कि वह इस सरकार को हटाने के लिए तैयार है या नहीं. जैसा मैंने कहा हमारा रुख तृणमूल को हटाना और बंगाल बचाना, भाजपा को हटाना और भारत बचाना है.
माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा : उसके बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस समिति ने एक रुख अपनाया, जो हम समझते हैं कि हमारे रुख से सुसंगत है. हम सुनिचित करना चाहते हैं कि धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और वामपंथी वोटों का बंटवारा तृणमूल की जीत में मदद नहीं करे.
उनसे जब पूछा गया कि इसकी क्या गारंटी है कि कांग्रेस वामपंथ का साथ छोड़ कर तृणमूल की तरफ नहीं जायेगी, तो उन्होंने कहा : हम जो कुछ करते हैं, लोग उसकी परख करेंगे. जनता किसी भी विश्वासघात को नहीं बख्शेगी. श्री मिश्रा ने कहा : लोग चाहते हैं कि हम हाथ मिलायें. हमने जन आकांक्षाओं पर कदम उठा दिया है. यही हम करने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ सीटों पर कांग्रेस के साथ गतिरोध पर श्री मिश्रा ने कहा : सभी पार्टियों के साथ बातचीत पूरी हो चुकी है. हमने सभी को अपना रुख साफ कर दिया है. मैं समझता हूं कि चार-पांच सीटों को छोड़ कर सभी जगह उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है.
2011 में तृणमूल ने बनाया था इंद्रधनुषी गंठबंधन, लेकिन अब वह है अकेली
माकपा नेता ने ‘इंद्रधनुषी गठबंधन’ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कहा : वह नर्वस हैं. यह तृणमूल है, जिसने 2011 के विधानसभा चुनावों में इंद्रधनुषी गंठबंधन बनाया था, लेकिन अब उनमें से कोई उनके साथ नहीं है और उनमें से सभी ने हमसे संपर्क किया. उल्लेखनीय है कि माकपा नीत वाममोरचा ने राज्य विधानसभा की 294 में से 209 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं. कांग्रेस ने 94 सीटों पर लड़ने का फैसला किया है. उसने 85 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है.
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