मालदा: अगर नंदीग्राम के एक भी बूथ पर सीपीएम अपनी जमानत बचा लेती है, तो मैं राजनीति करना छोड़ दूंगा. और तो और, नारायणगढ़ से सीपीएम प्रत्याशी सूर्यकांत मिश्रा भी नहीं जीतेंगे. शनिवार रात को मालदा विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी जनसभा के दौरान तृणमूल के मालदा के पर्यवेक्षक और सांसद शुभेन्दु अधिकारी ने सीपीएम पर यह हमला बोला. रात आठ बजे मालदा सीट के मंगलबाड़ी चौरंगी मोड़ इलाके में तृणमूल प्रत्याशी दुलाल सरकार के समर्थन में एक सभा का आयोजन किया गया था. इस सभा में मुख्य वक्ता तृणमूल नेता शुभेन्दु अधिकारी थे.
श्री अधिकारी ने कांग्रेस और सीपीएम के गंठबंधन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस सीपीएम ने एक समय 13 कांग्रेसियों का हाथ काट लिया था, आज उसी सीपीएम के साथ कांग्रेस गंठबंधन की राजनीति कर रही है. जिस मालदा में सीपीएम कभी घुसने नहीं पायी, आज कांग्रेस उसे उसी मालदा में रास्ता दे रही है. शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि गनी खान साहब ने एक समय सीपीएम को बंगाल की खाड़ी में उठाकर फेंक देने का आह्वान किया था. लेकिन उन्हीं का एक भाई सीपीएम का हाथ पकड़कर गंठबंधन की राजनीति में शामिल हो गया है. इससे ज्यादा लज्जाजनक और कुछ नहीं हो सकता है.
मालदा का आम आदमी इसका उचित जवाब देगा. उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी को खोदने पर लौह अयस्क निकलता है. बिहार की मिट्टी खोदने पर कोयला निकलता है और वाम सरकार के जाने के बाद इस राज्य की मिट्टी खोदने पर मानव कंकाल निकल रहे हैं.
तालाब में जल डालो तो बंदूक, गोली और इंसानी खोपड़ी निकलती है. उन्होंने कहा कि वाम मोरचा के जमाने में विरोधी दलों के लगभग 50 हजार नेताओं-कार्यकर्ताओं का खून हुआ और अब उसी सीपीएम के साथ कांग्रेस गठबंधन कर रही है. गांव से लेकर शहर तक कहीं भी सीपीएम का अस्तित्व नहीं है. कांग्रेस भी केवल साइन बोर्ड बनकर रह गयी है. परिणामस्वरूप तृणमूल फिर सत्ता में वापसी करेगी. सांसद शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में नारायणगढ़ में सीपीएम 50 हजार वोटों से पीछे थी.
इस विधानसभा क्षेत्र में 16 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से 15 ग्राम पंचायतों पर तृणमूल का कब्जा है. मैं एक बार फिर सीपीएम उम्मीदवार सूर्यकांत मिश्र को नारायणगढ़ से चुनाव जीतकर दिखाने की चुनौती देता हूं. उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आकाश का चांद दिखाकर किसी-किसी को अपने झांसे में ले लिया था. बहुत सारे सपने दिखाये थे. लेकिन अब लोग भाजपा का असली चेहरा पहचान गये हैं. उन्होंने कहा कि तृणमूल से भटके हुए कुछ लोग पार्टी के विरुद्ध कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं, जो पंचायत चुनाव में खड़े होने पर भी नहीं जीत पायेंगे.