कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है, जिसमें उसे सारधा पीड़ितों को मुआवजा देने संबंधी रिपोर्ट अदालत में जमा करनी होगी. इसमें उल्लेख करना होगा कि सरकार ने इस बाबत क्या रिपोर्ट तैयार की है और प्रक्रिया क्या है. कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है. वकील बासबी राय चौधरी द्वारा दायर मामले की सुनवाई करते हुए उन्होंने यह निर्देश दिया. बासबी राय चौधरी की अपील में दावा किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना असंवैधानिक है. राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती.
मैदान प्रदूषण पर मामला दायर
पर्यावरणविद सुभाष दत्ता की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट में मामला दायर कर कहा गया है कि मैदान में विभिन्न क्लबों के कूड़े से प्रदूषण हो रहा है. क्लबों के कूड़े को इकट्ठा कर उसे जलाया जाता है, जिससे प्रदूषण फैलता है. मामले की गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है.
एसजेडीए घोटाला पर याचिका
सिलीगुड़ी जलपाइगुड़ी डेवलपमेंट ऑथोरिटी में घोटाला होने का आरोप लगाते हुए वकील सोमेन विश्वास की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में मामले की सीबीआइ जांच और दोषियों को उपयुक्त सजा देने की मांग की गयी है. मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा की जा रही जांच कार्य की स्थिति पर चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट तलब की है. मामले की सुनवाई चार हफ्तों के बाद होगी.