कोलकाता. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति सुशांत दत्तागुप्ता को बर्खास्त कर दिया है. किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त करने की यह देश की पहली घटना है.
राष्ट्रपति कार्यलय ने सोमवार को मानव संसाधन िवकास मंत्रालय की श्री दत्तागुप्ता को बर्खास्त किये जाने की सिफारिश पर मुहर लगा दी. मंत्रालय ने खराब आचारण व कर्तव्य में लापरवाही के आधार पर बर्खास्त करने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति भवन ने सोमवार को सरकार को राष्ट्रपति के निर्णय से अवगत करा दिया. उनकी बर्खास्तगी के आदेश शीघ्र ही जारी किये जायेंगे. श्री दत्तागुप्ता को यूपीए सरकार ने इस पद पर सितंबर 2011 में नियुक्त किया था. अभी उनका मियाद पूरे होने में सात माह बाकी थे.
मानव संसाधन मंत्रालय ने कमेटी की रिपोर्ट पर सिफारिश की थी. जांच कमेटी ने श्री दत्तागुप्ता को 25 अनैतिक नियुक्तियां, विश्वभारती से वेतन के साथ-साथ जेएनयू से पेंशन लेने तथा शराब के बिल के भुगतान का दोषी पाया था. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति भवन व मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी के बीच लंबे अरसे से चल रहा यह विवाद समाप्त हो गया. राष्ट्रपति भवन में नवंबर 2015 में मानव संसाधन मंत्रालय की सिफारिश को लागू करने पर अनिच्छा दिखायी थी व मानव संसाधन मंत्रालय से बरखास्ती का फाइल वापस लेने का सुझाव दिया था. श्री दत्तागुप्ता ने 30 नंवबर, 2015 को ईमेल पर अपना त्यागपत्र भी भेजा था, लेकिन मानव संसाधन मंत्रालय फिर से कानूनी सलाह के बाद राष्ट्रपति भवन को श्री दत्तागुप्ता को बर्खास्त करने की सिफारिश भेजी थी, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया.