कोलकाता. मानव जीवन में तप का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है. जीवन में तप करने से कुछ भी असंभव नहीं है. यदि आप चाहते हैं कि आप की बात आपकी संतान सुने, आपकी प्रतिष्ठा व सम्मान बनी रहे व आप स्वयं के जीवन में उत्थान हो तो जीवन को तप में लगायें क्योंकि जो तपेगा वो गलेगा, जो गलेगा वो ढलेगा,जो ढलेगा वो बनेगा,जो बनेगा वो मिटेगा और जो मिटता है वहीं सदा के लिए बना रहता है. उक्त बातें पूज्य राजन जी महाराज ने रामकथा के पांचवें दिन राम वनवास के प्रसंग को सुनाते हुए कहीं. शनिवार को यजमान की भूमिका में हरेंद्र दूबे पत्नी सहित मौजूद रहे.
हम राम जी के राम जी हमारे हैं सेवा ट्रस्ट एवं मानस मंथन समिति के तत्वावधान में हावड़ा के श्याम गार्डेन में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा में भक्तों को संबोधित करते हुए केवट प्रसंग के दौरान कहा कि यदि संभव हो तो मानव को भगवान से मांगने की प्रवृत्ति को त्यागने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि केवट भइया ने अपने पूरे जीवन में भगवान से कुछ नहीं मांगा.
भगवान के देने पर भी उन्होंने उसे नहीं स्वीकारा. हालांकि अंत में केवट भइया को प्रभु की विमल भक्ति प्राप्त हुई. इसी प्रकार यदि हम भगवान से कुछ मांगने की इच्छा नहीं रखेंगे तो भगवान हमें अपनी भक्ति स्वंय ही देंगे.
इस अवसर पर शशिधर सिंह, बलभद्र दास,रमन राठी,बलवंत अग्रवाल,विष्णु महतो को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रभात खबर कोलकाता के संपादक तारकेश्वर मिश्रा, शिवजी तिवारी,भोला सोनकर,राजेश पांडेय, राजा बाबू सिंह, मुन्ना सिंह, जलेश्वर पांडेय, पीएन सिंह, प्रदीप तिवारी, राज किशोर तिवारी मौजूद रहे. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अशोक ठाकुर,राजेश पांडेय,समर सिंह इत्यादि लोग मौजूद रहे जबकि मंच का संचालन वीरेंद्र शर्मा ने किया.