कोलकाता: राज्य सरकार के एक विज्ञापन में पूर्व नक्सली नेता की तसवीर का इस्तेमाल करने पर विवाद खड़ा हो गया है. राज्य सरकार की आर्थिक सुरक्षा परियोजना के उदघाटन के दिन अखबारों में दिये गये विज्ञापन में नक्सली नेता कानू सान्याल की तसवीर का इस्तेमाल किया गया है.
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व कानू सान्याल का निधन हो गया था. अपने जीवनकाल में उन्होंने कभी भी सरकार से आर्थिक सहायता नहीं ली थी. सारधा चिटफंड घोटाले के बाद राज्य सरकार की ओर से यह आर्थिक सुरक्षा परियोजना शुरू की गयी है, जिसके तहत चिटफंड की बजाय लोग सरकार के पास रुपये जमा करे. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विज्ञापन भी दिये गये थे.
आम जनता के बीच में नक्सली नेता कानू सान्याल का चेहरा भी लगाया गया है. इसे केंद्र कर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है. प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या यह महज एक गलती थी या फिर जानबूझ कर किया गया है.
विज्ञापन के दाहिनी ओर नीचे जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तसवीर है, वहीं बायीं ओर कई ग्रामीणों की तसवीरों में एक तसवीर नक्सल नेता कानू सान्याल की भी है. सान्याल 70 और 80 के दशक में बड़े नक्सल नेता के तौर पर परिचित थे. लेकिन बाद में सरकार ने कहा कि कहा कि विज्ञापन में छपी तसवीर कानू सान्याल की है ही नहीं. धरती पर एक ही जैसे दिखनेवाले कई लोग हो सकते हैं. राज्य सरकार ने इस तसवीर को पहचानने से ही इनकार कर दिया है.