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भगवान के स्मरण से बढ़ता है मनोबल : स्वामी विशोकानंद
कोलकाता : कृष्ण, गोविंद, गोपाल गाते चलो भक्तिमय वातावरण में निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंदजी महाराज ने सत्संग भवन में अपने प्रवचन में कहा कि भगवान के स्मरण मात्र से भक्त का मनोबल बढ़ता है. भक्त के मन में भगवान के प्रति आस्था बनी रहनी चाहिए. सांसारिक भोग, ऐश्वर्य में उलझ कर भगवान का […]
कोलकाता : कृष्ण, गोविंद, गोपाल गाते चलो भक्तिमय वातावरण में निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंदजी महाराज ने सत्संग भवन में अपने प्रवचन में कहा कि भगवान के स्मरण मात्र से भक्त का मनोबल बढ़ता है.
भक्त के मन में भगवान के प्रति आस्था बनी रहनी चाहिए. सांसारिक भोग, ऐश्वर्य में उलझ कर भगवान का स्मरण नहीं करने से मनुष्य का आत्मकल्याण संभव नहीं है. महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण एवं कर्ण के संवाद के संदर्भ में स्वामी विशोकानंदजी ने कहा कि सूर्य पुत्र कर्ण प्रारब्ध से हीन था पर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में कर्ण प्रवीण था. उन्होंने कहा कि महाभारत के युद्ध में पांडवों को विजयश्री हासिल हुई. धर्म की जय हुई. यही हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति है.
सनातन धर्म में परम सत्य को स्वीकार करना मनुष्य का धर्म है. महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के उपदेश आज भी प्रासंगिक है. भागवताचार्य लालजी मिश्र, अरुण अग्रवाल ने भक्ति भजनों की अमृत वर्षा से सभी को भाव विभोर किया. समाजसेवी महावीर प्रसाद रावत, हनुमानदास राठी एवं श्रद्धालु भक्तों के प्रति सत्संग भवन के ट्रस्टी पंडित लक्ष्मीकांत तिवारी ने आभार व्यक्त किया.
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