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चक्रवात के लिहाज से कोलकाता ‘अत्यंत संवेदनशील’
मौसम विभाग के अधिकारी ने पेश किया शोधपत्र, मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना सहित देश के 12 जिलों को बताया अत्यंत संवेदनशील नयी दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक द्वारा जारी शोधपत्र में कहा गया है कि देश में पूर्वी तट पर मौजूद 12 जिले चक्रवात के लिहाज से ‘अत्यधिक संवेदनशील’ हैं. 41 […]
मौसम विभाग के अधिकारी ने पेश किया शोधपत्र, मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना सहित देश के 12 जिलों को बताया अत्यंत संवेदनशील
नयी दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक द्वारा जारी शोधपत्र में कहा गया है कि देश में पूर्वी तट पर मौजूद 12 जिले चक्रवात के लिहाज से ‘अत्यधिक संवेदनशील’ हैं. 41 जिले ऐसे हैं, जो चक्रवात के लिहाज से ‘बहुत संवेदनशील’ हैं. 13 तटीय राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उष्णकटिबंधीय तूफानों से प्रभावित हैं.
चार राज्य पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, ओड़िशा, तमिलनाडु और पूर्वी तट पर स्थित एक केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के अलावा पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात इन उष्णकटिबंधीय तूफानों के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं.
चक्रवात के कारण होनेवाले नुकसान के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील 12 जिलों में आंध्रप्रदेश के नेल्लोर, ईस्ट गोदावरी, कृष्णा, ओड़िशा के बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर, पुडुचेरी का यनम, पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, मेदिनीपुर और कोलकाता हैं.
ये सभी पूर्वी तट पर हैं. इस अध्ययन में उन 96 जिलों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिनमें से 72 जिले भारतीय तट पर हैं और 24 जिले तट के पास हैं. इन 96 जिलों में से 30 जिले चक्रवातों के लिहाज से ‘मध्यम स्तर पर संवेदनशील’ और 13 ‘कम संवेदनशील’ हैं.
‘‘पूरी तटरेखा विभिन्न आवृत्तियों व तीव्रतावाले उष्णकटिबंधीय तूफानों से प्रभावित होती है. हालांकि, हिंद महासागर (बंगाल की खाड़ी व अरब सागर) में दुनिया के मात्र सात फीसदी उष्ण कटिबंधीय तूफान ही पैदा होते हैं, लेकिन इनका असर बहुत ज्यादा और विनाशकारी होता है. यह असर तब अधिक विनाशकारी होता है, जब ये बंगाल की खाड़ी के उत्तर में स्थित तटों पर आते हैं.
मृत्युंजय महापात्र, प्रमुख, आइएमडी चक्रवात चेतावनी विभाग
119 वर्ष के आंकड़ों का अध्ययन
अध्ययन में वर्ष 1891 से 2010 तक देश में आये चक्रवात के प्रारूपों का विेषण किया गया. अध्ययन में कहा गया कि ‘अत्यधिक संवेदनशील’ जिलों ने सबसे अधिक संख्या में चक्रवातों का सामना किया. उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में 22 चक्रवात आये, जिनमें से 10 चक्रवात प्रचंड थे. इसी तरह बालेश्वर में 28 चक्रवात आये, जिनमें से पांच चक्रवात प्रचंड थे.
आइएमडी के चक्रवात चेतावनी विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘बालेश्वर, मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना में भीषण चक्रवात के दौरान समुद्र में सबसे ऊंची लहरें दर्ज की गयीं, जिनकी ऊंचाई करीब 30 मीटर की थी.’ इस शोधपत्र का लेखन महापात्र ने ही किया है और इसका प्रकाशन इंटरनेशनल जनरल ऑफ अर्थ सिस्टम एंड साइंस में हुआ है.
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