वे सरकार को अपने उत्पादों की सप्लाइ नहीं कर पायेंगे. कंपनी के मालिक और निदेशक के खिलाफ अपराधिक कार्रवाई शुरू की जायेगी. यह चेतावनी कुल अनैतिक ट्रेडर्स तथा अनैतिक मिल मालिकों के संगठनों द्वारा बांग्लादेश या नेपाल से बी-टिविल टाट तथा बी-टिविल कपड़े का आयात करके उन्हें सरकार को सप्लाइ किये जाने की घटना सामने आने के बाद आयी है. इस तरह से आयात कर सरकार को सप्लाइ करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है.
यदि इसका उल्लंघन किया जाता है,तो जेपीएम अधिनियम 1987 का उल्लंघन माना जायेगा. इससे जूट मिल श्रमिकों व कृषकों के घरेलू बाजार पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी दूसरे लोगों तक पहुंच जाती है. इंडियन जूट मैनुफैक्चिरिंग एसोसिएशन (इज्मा) के पूर्व अध्यक्ष मनीष पोद्दार ने कहा कि वे लोग जूट आयुक्त के फैसले के साथ हैं.
यदि कोई आयात कर सरकार को जूट बैग की सप्लाइ करता है,तो इससे देश के जूट मालिकों के साथ-साथ जूट श्रमिकों को भी नुकसान पहुंचता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायत मिली है कि कुछ लोग इस तरह का कार्य कर रहे हैं, हालांकि इसकी सटीक जानकारी अभी तक नहीं मिली है. यह कौन कर रहा है और कितने प्रतिशत हो रहा है. इंटक के सचिव व नेशनल यूनियन ऑफ जूट वर्क्स के सेक्रेटरी जनरल गणोश सरकार ने जूट आयुक्त के निर्णय का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कुछ जूट मिल मालिक अन्य संगठन बना कर इस तरह का काम कर रहे हैं. कुल सप्लाई का लगभग 25 फीसदी आयातित जूट बैग की सप्लाइ हो रही है.