आधिकारिक आकड़ों की माने तो पहाड़ में भूस्खलन की वजह से मृतकों की संख्या बढ़कर अब 40 हो गयी है. वहीं, नौ लोग अब भी लापता बताये जा रहे हैं. उधर, दाजिर्लिंग से मिली खबर के अनुसार, एक और भूस्खलन हुआ है जबकि जो लोग एक जुलाई के भूस्खलनों के बाद राहत शिविरों में चले गये थे, वे अपने घर लौट रहे हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि शनिवार शाम कालीझोरा के समीप भूस्खलन हुआ लेकिन जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि उस जगह पर कोई मकान नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि इसी बीच, भूस्खलनों के कारण जिन लोगों ने टिंगलिंग और लामगांव गांवों में शरण ले रखी थी, वे अपने घर लौटने लगे हैं.अधिकारियों के अनुसार, करीब 200-250 परिवार इन शिविरों में ठहराये गये थे और अब इन शिविरों में केवल वे लोग ही रुक गये हैं जिनके मकान पूरी तरह नष्ट हो गये हैं. कलिम्पोंग के विधायक और गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के सदस्य हरका बहादुरी छेत्री ने बताया कि जीटीए ने जिले के तीन उप संभागों – दाजिर्लिंग, कलिम्पोंग और कार्सियांग में भूस्खलनों से हुए नुकसान के बारे में केंद्र सरकार को अगवत कराया है.? छेत्री के अनुसार, इस आपदा में करीब 400 मकान पूरी तरह नष्ट हो गये या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए.जीटीए प्रमुख बिमल गुरुंग शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले थे जो भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आयी थीं.