कोलकाता. आगामी सत्र में बंगाल की तरफ से खेलने के लिए पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की पेशकश बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को इतनी आकर्षक लगी कि उन्हें हैदराबाद से भावनात्मक विदाई लेनी पड़ी. ओझा ने बताया कि सौरव ने मुझसे बात की और कहा कि वे मुझे बंगाल की टीम में देखना चाहते हैं. मेरे लिए यह आकर्षक ऑफर था और मैं इसे नहीं ठुकरा सकता था. मेरा मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए एलीट टीम की तरफ से खेलना था. मुझे स्वीकृति पत्र मिल गया है और मेरा अनापत्ति प्रमाणपत्र भी तैयार है. ओझा भले ही ओडि़शा के रहने वाले हैं लेकिन 2001 में 14 साल की उम्र से हैदराबाद की तरफ से खेल रहे हैं. वह भारत की तरफ से 24 टेस्ट और 18 वनडे खेल चुके हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013 में सचिन तेंड़ुलकर के विदाई टेस्ट मैच में दस विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच बनने के बावजूद ओझा को टीम से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद वह संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के घेरे में भी आ गये. इस साल रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम के बाद बीसीसीआइ ने उन्हें हरी झंडी दे दी. बंगाल ने ओझा से मुंबई इंडियंस की यहां इडेन गार्डंस में आइपीएल फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स की जीत के दौरान बात की थी. मुंबई इंडियंस के स्पिनर ने कहा कि उस समय सौरव ने मेरे सामने बंगाल की तरफ से खेलने की पेशकश रखी थी और मैं उसे नहीं ठुकरा पाया.
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सौरव की पेशकश नहीं ठुकरा सकता था : ओझा
कोलकाता. आगामी सत्र में बंगाल की तरफ से खेलने के लिए पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की पेशकश बायें हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को इतनी आकर्षक लगी कि उन्हें हैदराबाद से भावनात्मक विदाई लेनी पड़ी. ओझा ने बताया कि सौरव ने मुझसे बात की और कहा कि वे मुझे बंगाल की टीम में देखना […]
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